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ताओफ़ू कांउटी के वृद्ध आश्रम में पिता और पुत्र की भावना
2015-04-30 16:25:45 cri

श्याओ रेअतंग की चाहत है कि वे अधिकाधिक बुढ़े लोगों की सहायता करे। उन्होंने कहा कि बुढ़े लोगों का सुखमय वृद्धावस्था बिताना उनका भी सुख है।

 

उनके पास लाख परेशानी आ गई हो लेकिन पिछले 19 सालों से श्याओ रेअतंग बुढ़े छन की देखभाल करते रहे। कई लोग उनके मुरीद हो गये। अन्य दूसरे लोग धीरे-धीरे श्याओ रेअतंग की मदद करने के वास्ते बुढ़े की एकसाथ देखभाल करने लगे। इसके तरह श्याओ रेअतंग को संतुष्टि मिली। उन्होंने कहा:

"पहले दूसरे लोग मुझ पर हंसते थे और मुझे नहीं समझते थे। लेकिन बाद में वे धीरे-धीरे मुझे समझने लगे। अब हमारी कांउटी के सभी लोग मेरा समर्थन करते हैं।"

वर्ष 2013 में हान जाति के बुढ़े छन युआता की देखभाल करने का 18वां साल था। कांउटी सरकार ने श्याओ रेअतंग को ताओफ़ू कांउटी स्तरीय वृद्ध आश्रम का प्रधान नियुक्त किया। वर्ष 2014 के वसंत त्यौहार के समय 99 वर्षीय बुढ़े छन का निधन हो गया। अपने देहांत से पहले बुढ़े छन ने श्याओ रेअतंग से अपने अंतिम संस्कार पर विचार विमर्श किया। दोनों ने फैसला किया कि तिब्बती और हान जातीय "पिता और पुत्र" की तरह भावना की स्मृति के लिए बुढ़े छन के निधन के बाद हान जाति के परंपरा के मुताबिक दाह-संस्कार किया जाएगा। फिर तिब्बती जाति के परंपरा के अनुसार जल-संस्कार किया जाएगा। बुढ़े छन के अस्थि पठार के झील में बहा दी जाए।


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