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    संडे की मस्ती 2016-10-30
    2016-10-30 19:41:12 cri

    अखिल- हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, हिन्दी सेवा के सभी कर्मचारियों और संडे की मस्ती टीम की ओर से आप सभी श्रोताओं को दीपावली के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनायें।

    सपना- हम आशा करते हैं कि ये दिपावली आपके लिए बहुत-सारी खुशियां लेकर आएं।

    अखिल- जी बिल्कुल, झिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित, ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये। परिवार के लिए सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो। इसी कामना के साथ आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हमारा संडे की मस्ती प्रोग्राम- द दीपावली स्पेशल

    (Song-1)

    अखिल- वैलकम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं हमारा दीपवाली स्पेशल संडी की मस्ती प्रोग्राम

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, हम में से हर कोई रोशनी के उत्सव दिवाली को बड़े ही उल्लास के साथ मनाता है। यह रोशनी या प्रकाश का उत्सव है जिसमें हर कोने के अंधेरे को रोशनी से दूर किया जाता है ताकि कोई भी जगह अंधकार के वश में न रहे, यहाँ अंधकार का आशय बाहरी अंधकार और भीतरी अर्थात मन के अंधकार से भी है। भीतरी अंधकार का आशय अज्ञान और अहंकार से है।

    सपना- दोस्तों, दिपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। इसलिए दीपावली से कई दिनों पूर्व ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का काम शुरू कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता हैं। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों और गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दिपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। लोग अपने घरो को सुन्‍दर रूप से सजाने के बाद उसमे रोशनी करते हैं क्‍योंकि दिवाली को अँधेरे से रोशनी में जाने का प्रतीक माना जाता है।

    हिन्‍दु धर्म में दीपावली को पंच पर्वो का त्‍योहार कहा जाता है जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर समाप्‍त होते हैं। यानी पंच पर्वों के अन्‍तर्गत धनतेरस, नरक चतुर्थी, दिपावली, राम-श्‍याम और भैया दूज सम्मिलित हैं। पूरे भारत सहित सम्‍पूर्ण दुनियां में जहां कहीं भी हिन्‍दू, जैन, सिख, आर्य समाज और प्रवासी भारतीय हैं, वे सभी इस दिपावली के त्‍यौहार को पूर्ण उत्‍साह के साथ मनाते हैं क्‍योकि इस त्‍यौहार का न केवल धार्मि‍क महत्‍व है बल्कि व्‍यापारिक महत्‍व भी है।

    अखिल- आइए... हम आपको बताते हैं दिवाली मनाने का क्या कारण है? दोस्तों, यह बात हर कोई जानता है की दीपावली क्यों मनाई जाती है? यह कथा भारतीय इतिहास में वर्णित है कि, भगवान श्रीराम चन्द्र ने अपने वनवास काल के दौरान अहंकारी रावण का वध कर माता सीता को मुक्त किया था। चौदह वर्षों का वनवास पूर्ण कर जब वे अपने नगर अयोध्या पहुंचे तो उनके नगर के लोगों ने पूरे नगर को दुल्हन की तरह सजा कर प्रकाशमान किया और अपने प्रिय राजा के लौटने की खुशी में दिवाली मनाई। दिवाली मनाने की परंपरा की शुरुआत भी यहीं से मानी जाती है।

    दिवाली मनाने के जुड़ी एक और कथा इस प्रकार है, श्री कृष्ण ने दीपावली के एक दिन पहले पापी राक्षस नरकासुर का वध किया था। नरकासुर एक पापी व दुष्ट दैत्य था जो अपनी शक्ति के बल पर अनेक देवताओं को परेशान करता था, अपने बल के मद में चूर वह ऐसे अनेक अधर्म करता था, नरकासुर ने सोलह हज़ार कन्याओं को बंदी बनाकर रखा था। परंतु उसे यह शाप था कि उसकी मृत्यु किसी स्त्री के हाथो होगी। सभी देवों ने भगवान श्री कृष्ण से निवेदन किया कि वे नरकासुर का संहार कर उनकी रक्षा करें। तब भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपना सारथी बना कर नरकासुर का संहार किया और उन सभी बंदी कन्याओं को भी दैत्य के चंगुल से मुक्त किया। इस वजह से नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है और लोगों ने इसके अगले दिन उल्लास के साथ दीपक जलाकर दिवाली का उत्सव भी मनाया।

    सपना- चलिए, अब बताते हैं कि दिवाली मनाने का क्या तरीका होता है? दोस्तों, पाँच दिनों के उत्सव दिवाली की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। लोग दिवाली के पहले ही अपने घरों की साफ सफाई शुरू कर देते हैं। दीवारों की रंगाई व पुताई भी शुरू हो जाती है। घर का हर सदस्य इस बात को लेकर बहुत सोच विचार करता है की इस बार घर की दीवारों को किस रंग से रंगा जाये की घर ज़्यादा सुंदर लगे। साल भर से जमा पुरानी चीजों को बाहर निकाल कर घर की सफाई की जाती है।

    अखिल- दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि विभिन्न धर्मों के साथ दीपावली का खास महत्व है? जी हां, वैसे तो दीपावली को हिंदुओं का एक खास और प्रमुख त्यौहार माना जाता है पर देश के विभिन्न कोनों में अलग अलग धर्म को मनाने वाले लोग भी इसे उतने ही उल्लास और हर्ष के साथ मानते हैं। भले ही दिवाली मनाने के कारण उनके लिए अलग हों, पर भारत के दक्षिण हिस्से को छोडकर लगभग हर राज्य में दिवाली का त्यौहार अपनी खास वजह के साथ खुशी के रूप में मनाया जाता है।

    सपना- सिक्खों के लिए दिवाली का महत्व - सिख समुदाय के लोग भी बड़े उत्साह के साथ दिवाली मानते हैं, सिक्खों कि पवित्र स्थली स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास इसी दिन किया गया था, इस दृष्टि से सिक्ख समुदाय के लिए यह दिन खास होता है। इसके अलावा सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द जी को इसी दिन जेल से रिहा किया गया था। उनके अनुयायिओं ने इस खुशी को दिवाली के रूप में मनाया।

    अखिल- जैन समुदाय के लिए दिवाली का महत्व - जैन मतावलंबियों के अनुसार चौबीसवे तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी, जैन लोग इस दिवस को निर्वाण दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं।

    सपना- तो दोस्तों, ये थी हमारा दीपावली से जुड़ी जानकारी। चलिए, अभी हम आपको दिवाली पर घरौंदा-रंगोली की विशेष परंपरा के बारे में बताते हैं।

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, भारतीय संस्कृति में हर पर्व का अपना विशेष महत्व होता है और दीपों का महापर्व दीपावली भी इससे अलग नहीं। दीपावली पर घरौंदा और रंगोली बनाए जाने की भी परंपरा लंबे समय से चली आ रही है जो वर्तमान आधुनिकता के दौर में भी लोगों ने नहीं भुलाई। कार्तिक माह के शुरू होते ही घर में साफ सफाई का काम शुरू हो जाता है। इस महीना दीपावली के आगमन का होता है और इसी दौरान घरों में घरौंदा बनाने का निर्माण आरंभ हो जाता है। घरौंदा घर शब्द से बना है। सामान्य तौर पर दीपावली के आगमन पर अविवाहित लड़कियां घरौंदा का निर्माण करती है। घरौंदा का निर्माण इसलिए करती है कि क्योंकि उनका घर भरापूरा रहे। सामान्य तौर पर घरौंदा बनाने का प्रचलन दीपावली के दिन होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अपनी नगरी अयोध्या लौटे थे तो उनके आने की खुशी में उनके महल को दीपों से सजाया गया था। इसी को देखते हुए घरौंदा बनाकर उसे सजाने का प्रचलन हुआ.

    सपना- घरौंदा में सजाने के लिए कुल्हिया-चुकिया का प्रयोग किया जाता है और उसमें अविवाहित लड़कियां फरही, मिष्ठान आदि भरती है। इसके पीछे मुख्य वजह रहती है कि भविष्य में जब वह शादी के बाद अपने घर जाए तो वहां भी उनका अनाज भरा रहे। कुल्हियां चुकिया में भरे अन्न का प्रयोग वह स्वंय नहीं करती है और इसे अपने भाई को खिलाती है। इसके पीछे मुख्य वजह यह रहती है कि घर की रक्षा और उसका भार वहन करने का दायित्व पुरूष के कंधे पर रहता है।

    अखिल- घरौंदा बनाने के लिए अविवाहित लड़कियां काफी मेहनत करती है और उसे अपने अनुरूप बनाती है। इसके पीछे मान्यता यह है कि उसे जो घर मिलें वह भी उसके आशा के अनुरूप हो। सामान्य तौर पर घरौंदा का निर्माण मिट्टी से होता है लेकिन मौजूदा समय में लकड़ी, गत्ता और थरमोकोल के भी घरौंदे का निर्माण किया जा रहा है। घरौंदा से खेलना लड़कियां पसंद करती है। इस कारण वह इसे इस तरह से सजाती है जैसे वह अपना घर हो।

    सपना- घरौंदा की सजावट के लिए दीये का प्रयोग किया जाता है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इससे उसके घर में अंधेरा नही हो और सारे घर में रोशनी कायम रहे। आधुनिक दौर में घरौंदा एक मंजिला से लेकर दो मंजिला तक बनाये जाने की परंपरा है। घरौंदा के साथ ही रंगोली बनाए जाने की भी परंपरा है. दीपावली के दिन घर की साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जाता है और रंगोली घर की चार चांद लगा देती है. घर चाहे कितना भी अधिक सुंदर हो यदि रंगोली घर के मुख्य द्वार पर नहीं सजाई गई तो घर की सुंदरता अधूरी सी लगती है.

    अखिल- सामान्य तौर पर रंगोली का निर्माण चावल, गेहूं, मैदा, पेंट, अबीर से बनाया जाता है लेकिन सर्वश्रेष्ठ रंगोली फूलों से बनाई जाती है। रंगोली के लिए गेंदा और गुलाब के साथ हरसिंगार के फूलो का इस्तेमाल किया जाता है जो देखनें में सुंदर तो लगता हीं है साथ हीं सात्विकता को भी उजागर करता है।

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी आप हमारा एक हिन्दी गाना सुनिए, उसके बाद हम अपने कुछ श्रोता दोस्तों से जानेंगे कि वो किस तरह से मना रहे हैं दीपावली।

    (Song-2)

    अखिल- वैलकम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं हमारा दीपावली स्पेशल संडे की मस्ती प्रोग्राम।

    सपना- आप सभी को एक बार दीपावली की हार्दिक शुभकानाएं।

    (Music)

    (श्रोताओं की आवाजें)

    सपना- तो दोस्तों, अभी आपने सुने हमारे कुछ श्रोता दोस्तों के विचार कि वो किस तरह से मना रहे हैं दीपावली पर्व। चलिए, अभी हम आपको बताते हैं कि दिवाली पर अपनों को क्या दें दिवाली गिफ्ट।

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, दीपावली के आने के पहले ही हम लिस्ट तैयार करने लगते हैं, इस बार किस किस को गिफ्ट देना है और ऐसे कितने लोग हैं जिन्हें गिफ्ट देना बहुत ज़रूरी है। ऐसे लोगों में ऑफिस का स्टाफ बॉस आदि तो आते ही हैं, और इसके अलावा आपने घरवालों को भी इस खास त्यौहार पर गिफ्ट दिया जाता है।

    सपना- 1. ड्राय फ्रूट बॉक्स - दिवाली में घर के सभी लोगों को खुश करने के साथ साथ अच्छी सेहत के लिए आप यह ड्राय फ्रूट का बॉक्स दे सकते हैं। वैसे तो आम तौर पर हर किचन में ड्राई फ्रूट आसानी से मिल ही जाते हैं पर दिवाली के खास मौके पर खूबसूरत गिफ्ट पैक में यह तोहफा आपके अपनों को बहुत पसंद आएगा। यह खास गिफ्ट बच्चों के साथ बड़ों लिए भी फायदेमंद है। तो इस दिवाली गिफ्ट में आप सभी को अच्छी सेहत देकर खुश कर सकते हैं।

    अखिल- 2. स्नैक्स और मिठाइयाँ - त्यौहारों में खाना पीना तो चलता ही रहता है और बिना मुंह मीठा किए हमारे यहाँ कोई पर्व नहीं मनाया जाता। इस दिवाली में घर के सभी लोगों के लिए मिठाई और स्नैक्स खास हो सकते हैं। कोशिश कीजिये की इस बार बाज़ार से कोई ऐसी नई मिठाई या स्नैक्स घर ले जाएँ जो आपने पहले ट्राय ना की हो। जैसे अगर आपके घर में कोई डायबिटीज़ का मरीज है तो कोशिश करें की वो शुगर फ्री मिठाई खाकर दिवाली बिना चिंता के मना सकें। आपकी यह कोशिश सभी को पसंद तो आएगी ही साथ ही आपके अपनों को यह एहसास भी होगा की आपको उनकी कितनी चिंता है।

    सपना- 3. आकर्षक दिये और मोमबत्तियाँ - दीपावली प्रकाश का पर्व है। दिवाली की रात घर के सभी लोग मिलकर दीपक जलाते हैं पटाखे फोड़ते हैं। इस बार आप अपनी पारंपरिक दिवाली में कुछ नया जोड़ सकते हैं जो घर की महिलाओं को खास तौर पर पसंद आएगा। इस बार मिट्टी के दीयों की जगह कुछ डिज़ाइनर दिये और डिज़ाइनर मोमबत्तियाँ जलाएँ। बाज़ार में आजकल ऐसे कई डिज़ाइनर और रंग बिरंगे खूबसूरत दिखने वाले दीपक मिलते हैं, आप अपने बजट को ध्यान में रखते हुए इनका चुनाव कर सकते हैं। इस खूबसूरत गिफ्ट को जब घर ले जाएंगे तो जलते हुए दीपक की रोशनी में अपनों के चेहरों पर एक खूबसूरत मुस्कान भी देख पाएंगे।

    अखिल- 4. खूबसूरत डिनर सेट - निश्चित रूप से आपके घर के किचन में बर्तनों की कोई कमी नहीं होगी पर आप याद करें की शायद आपको एक अच्छे डिनर सेट की ज़रूरत हो। समय की कमी के कारण कई बार बर्तनों के टूट फूट जाने पर भी हम उसी में काम चलाते रहते हैं और सोचते हैं की, "अच्छा ये चीज़ कुछ दिन बाद ले लेंगे" पर ऐसा हो नहीं पता। तो घर के लिए दिवाली गिफ्ट में इस बार डिनर सेट एक अच्छा विकल्प हो सकता है। जब पूरा परिवार एक साथ बैठ कर इस नए सेट को इस्तेमाल करेगा तो वाकई उस क्षण घर की खुशियाँ दुगुनी हो जाएंगी।

    सपना- 5. कलात्मक चीज़ें और पेंटिंग्स - दिवाली के आने के पहले ही आपने पूरे घर की साफ सफाई और पेंट, रंगाई इत्यादि करवा ली होगी। अधिकतर लोग हर साल घर की साफ सफाई के साथ घर की चीजों का स्थान भी इधर से उधर कर देते हैं ताकि घर को एक नया लुक मिल सके। हम सारी व्यवस्थाएँ तो बदल देते हैं पर अपने घर की नई रंगीन दीवारों को भूल जाते हैं। इन दीवारों पर हम फिर से वही पुराने चित्र व फोटो फ्रेम आदि टांग देते हैं और फिर संतुष्ट नहीं होते। हमें लगता है कि इतनी मेहनत के बाद भी घर की सुंदरता वैसी ही है कोई बहुत बड़ा सुधार नहीं हो पाया। तो अब आप अपने घर कि दीवारों पर ध्यान दें, हो सकता है आपके ड्राइंग रूम कि दीवारों को एक खूबसूरत बदलाव कि ज़रूरत है। पुराने फोटो फ्रेम की जगह आप कोई नई पेंटिंग या पोर्ट्रेट को जगह दे सकते हैं। इसके अलावा कई साल पुरानी तस्वीरों को बदल कर उसकी जगह कोई सुंदर कलात्मक चीज़ लगा सकते हैं ताकि आपका ड्राइंग रूम पहले से ज़्यादा खूबसूरत लगे और बाहर से आने वाले लोग भी आपके इन कलेक्शन की तारीफ करने से ना चूकें।

    अखिल- तो दोस्तों, ये थी हमारी दीपावली पर खास जानकारी। चलिए जाने से पहले हम आपको इस शुक्रवार रिलिज होने वाली हिन्दी फिल्मों के बारे में बता देते हैं। दोस्तों, मान्यता है कि दीवाली के मौके पर धन-दौलत की बारिश होती है, इसलिए दीपावली के खास मौके पर कोई ना कोई बड़ी फिल्म जरूर रिलिज होती है। इस शुक्रवार को दो बड़ी फिल्म रिलिज हुई हैं। ऐ दिल है मुश्किल और दूसरी शिवाय।

    सपना- चलिए... सबसे पहले हम आपको ऐ दिल है मुश्किल का प्रोमो सुनवाते हैं जिसमें रनबीर कपुर, ऐशवर्या राय बच्चन, अनुषका शर्मा, फवाद खां मुख्य भूमिका में हैं।

    (Trailor- A Dil Hai Mushkil)

    अखिल- दोस्तों, जो दूसरी फिल्म रिलिज हुई है उस फिल्म का नाम है शिवाय। इस फ़िल्म में मुख्य किरदार के रूप में अजय देवगन तथा सायेशा सैगल है। आइए.. हम आपको शिवाय फिल्म का प्रोमो सुनवाते हैं।

    (Trailor- Shivay)

    अखिल- तो दोस्तों, ये था हमारा संडे की मस्ती प्रोग्राम का दीपावली स्पेशल। चलिए... अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपना संडे की मस्ती प्रोग्राम लेकर। अभी के लिए मुझे और सपना जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

    सपना- और हां, आप सभी को हमारी तरफ से एक बार फिर हैप्पी दीपावली

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