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    संडे की मस्ती 2017-01-29
    2017-01-29 19:21:05 cri

    अखिल- हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, आप सभी को चीनी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

    सपना- दोस्तों, आप सबको सीआरआई हिन्दी सेवा विभाग और संडे की मस्ती की टीम की ओर से चीनी नववर्ष व वसंत उत्सव की ढेरों बधाई और ये नया साल आप सबके जीवन में बहुत-सी खुशियां लेकर आए।

    अखिल- जी हां दोस्तों, ये नय साल आप सभी के लिए मंगलमय हो, यही हमारी मनोकामना है। चलिए, जैसा कि चीनी नववर्ष का आगाज हो चुका है, तो हमारा आजका प्रोग्राम भी है नया साल स्पेशल.. जी हां, संडे की मस्ती वसंत उत्सव स्पेशल

    (MUSIC)

    अखिल- दोस्तों, नव वर्ष के पहले दिन, घर के सभी लोग, छोटे व बड़े, नये कपड़े पहनकर या तो घर में मेहमानों का स्वागत करते हैं या बाहर जाकर परिवारजनों को नव वर्ष की बधाई देते हैं। लोग एक दूसरे को "नया साल मुबारक" या "वसंत त्यौहार की शुभकामनाएं" आदि कहते हैं। घर में लोग मिठाई खाते हैं, चाय पीते हैं और आराम से गपशप करते हैं। पिछले एक वर्ष में यदि मित्रों के बीच विवाद हुआ हो, तो भी वसंत त्यौहार के मौके पर एक दूसरे को नव वर्ष की बधाई देने से उन के बीच सुलह हो जाती है।

    सपना- जी हां दोस्तों, इस बीच घर के दरवाजों या खिड़कियों पर छ्वन ल्येन नामक चित्र चिपकाना और लालटेन जलाना वसंत त्यौहार को मनाने की चीनी लोगों की आम रस्में हैं। त्यौहार के दौरान, बाजारों में चीनी जनता के सुखमय जीवन , खुशी श्रम को दर्शाती विविधतापूर्ण छ्वन ल्येन चित्रों की बिक्री खूब होती है। वसंत त्यौहार के दौरान, "लालटेन उत्सव" भी एक बहुत महत्वपूर्ण रस्म है। लालटेन चीन की परम्परागत कला है। लालटेनों पर विभिन्न किस्मों के जीव जन्तु, सुहावने दृश्य और वीरों के चित्र आदि बनाये जाते हैं। इतना ही नहीं, लालटेन का अपना अपना भिन्न आकार भी होता है।

    अखिल- दोस्तों, वसंत त्यौहार के दौरान चीनी लोग विशेष खाना बनाते व खाते हैं। चीन के विभिन्न प्रांतों में, वसंत त्यौहार मनाने के भिन्न भिन्न परम्परागत रीति रिवाज हैं।लेकिन, नये साल की पूर्व संध्या पर, चीनी लोगों के लिए एक साथ मिलकर घर में खाना खाना जरुरी है। दक्षिण चीन में उस रात तो फ्यू और मछली खाना जरुरी है। चूंकि तो फ्यू और मछली के लिए चीनी शब्द फू य्वू उच्चारण में लगभग समान हैं। उत्तरी चीन में उस रात च्याओ जी खाना आवश्यक है। च्याओ जी वास्त्व में मांस को आटे में फरकर बनाया जाने वाला एक किस्म का चीनी परम्परागत खाना है। एक साथ मिलकर मेज़ के इर्द गिर्द बैठे हुए च्याओ जी खाना उत्तरी चीनी लोगों के लिए नव वर्ष की पूर्व संध्या की एक जरुरी रस्म है। नव वर्ष की पूर्व संध्या पर, लोग नव वर्ष का स्वागत करते हैं।

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम आपको बताते हैं कि चीनी नववर्ष का जश्न व उसकी तैयारियां किस तरह से की जाती है।

    दोस्तों, चीनी नववर्ष, या वसंत उत्सव का आगाज हो चुका है। चीनी परंपरा की बात करे तो चीनी नववर्ष की तैयारियां चीनी चंद्र पंचाग के 12वें महीने के 23वें दिन से शुरू हो जाती है। इस दिन लोग स्वादिष्ट मिठाई बनाते हैं। उसके बाद, 24वें दिन को घर की सफाई की जाती है, 25वें दिन में तोफू दही बनाई जाती है, 26वें दिन में मांस-मछली खरीदी जाती हैं, 27वें दिन को मुर्गों को हलाल किया जाता है, 28वें दिन में खमीर में गुंदा हुआ आटा तैयार किया जाता है, और 29वें दिन में भाप से पके पाव (बन) बनाए जाते हैं।

    अखिल- 1. चीनी चंद्र पंचाग के 12वें महीने के 23वें दिन को "छोटा नववर्ष" भी कहा जाता है। यह वो दिन होता है जब रसोई के देवता स्वर्गलोक वापिस चले जाते हैं।

    2. 12वें महीने के 24वें दिन में लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। ये परंपरा काफी लम्बे समय से चली आ रही है। माना जाता है कि इससे दुर्भाग्य दूर भागता है।

    3. 25वें दिन में लोग अपने घरों में तोफू दही बनाते हैं। लोक कथाओं के अनुसार, इस दिन जेड सम्राट, जो कि सर्वशक्तिमान है, पृथ्वीलोक पधारते हैं और लोग उन्हें अपनी कमखर्ची दिखाने के लिए तोफू दही खाते हैं।

    4. 26वें दिन में लोग सुअर को काटते हैं क्योंकि पुराने समय में गरीब लोग अकसर मांस नहीं खरीद पाते थे इसलिए इस दिन मांस खाने का वार्षिक अवसर होता है।

    5. 27वें दिन में लोग मुर्गों को हलाल करते हैं और आने वाले वसंत उत्सव के लिए जरूरी सामान खरीदने गांव के मेले में जाते हैं।

    6. 28वें दिन में लोग भाप में पके पाव (बन) बनाते हैं और अपने घरों के दरवाजों व खिड़कियों पर लाल काग़ज़ कटींग चिपकाते हैं। इसे सौभाग्य का प्रतीक मानते हैं।

    7. 29वें दिन में लोग अपने पूर्वजों के कब्रों पर जाकर साफ-सफाई करते हैं और उन्हें याद करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं। पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।

    8. 30वां दिन चीनी चंद्र पंचाग में साल का आखिरी दिन होता है। लोग नये साल में प्रवेश करने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। नये साल की पूर्वसंध्या पर लोग पारंपरिक भोजन करते हैं और परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।

    9. चीनी नववर्ष के पहले दिन की सुबह को जब मुर्गा पहली बांग देता है तो वो नये साल के आगमन की खबर देता है। नई पीढ़ी के लोग अपनो से बड़ों के घर जाते हैं और होंगपाओ (लाल लिफाफा, जिसमे नये साल पर उपहार के पैसे होते हैं) प्राप्त करते हैं।

    10. चीनी नववर्ष के दूसरे दिन लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं और उनके साथ खाना खाते हैं।

    11. चीनी नववर्ष के तीसरे दिन बेटियां अपने पतियों के साथ माता-पिता के घर आती हैं। युवा दंपती अपने साथ ढेर सारे उपहार लाते हैं।

    12. चीनी नववर्ष के चौथे दिन रसोई के देवता पृथ्वी लोक पधारते हैं और जनगणना करते हैं। लोग सभी जानवरों के साथ एक साथ रहते हैं। विशेष तौर पर भेड़ों को अपने घरों में रखना बहुत शुभ माना जाता है।

    13. चीनी नववर्ष के 5वे दिन में बैलों को खेतों में काम करने के लिए भेजा जाता है जबकि लोग धन के देवता के आगमन के लिए जश्न मनाते हैं।

    14. चीनी नववर्ष के छठे दिन लोग अपने घोड़ों के साथ सड़कों पर चहलक़दमी करते हैं। हर कोई नये साल पर अपनी गरीबी दूर करने के लिए छोटा-मोटा जश्न मनाते हैं।

    15. चीनी नववर्ष के 7वें दिन में लोग अपने को स्वस्थ व सेहतमंद बनाये रखने के लिए दलिया और मालपुआ बनाते हैं।

    16. चीनी नववर्ष के 8वें दिन में लोग अपना दया भाव दिखाने के लिए पकड़े हुए जीव-जन्तुओं व पक्षियों को कैद से मुक्त कर देते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान लोगों की निष्ठाभाव स्वीकार करने पृथ्वी लोक आते हैं।

    17. चीनी नववर्ष के 9वें दिन को जेड सम्राट का जन्मदिन होता है। जैसा कि जेड सम्राट एक सर्वशक्तिमान है, लोग उनकी अराधना करते हैं।

    18. चीनी नववर्ष के 10वें दिन लोग पत्थरों की आदर व पूजा करते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पत्थर जीवन का सबसे आवश्यक तत्व है।

    19. चीनी नववर्ष के 11वें दिन में लोग पर्पल देवी की पूजा करते है जिसे महिलाओं की रक्षक कहा जाता है।

    20. चीनी नववर्ष के 12वें दिन में लोग लालटेन त्योहार की तैयारियों के लिए लालटेन बनाते हैं। लालटेन त्यौहार चीनी नववर्ष के 15वें दिन आता है।

    21. चीनी नववर्ष के 13वें दिन में लोग लालटेन जलाकर जांच करते हैं जो उन्होंने बनाया होता है। उस दिन शाम को हर गली व सड़क लालटेन से जगमगा उठती हैं।

    22. चीनी नववर्ष के 14वें दिन को लिनश्वेई देवी का जन्मदिन होता है। कहा जाता है कि लिनश्वेई देवी उन महिलाओं की रक्षा करती है जिन्हें प्रसव के दौरान कोई दिक्कत आती है।

    23. चीनी नववर्ष के 14वें दिन को लोग चंद्रमा को देखते हैं और भविष्यवाणी करते है कि इस साल बड़ी फसल होगी कि नहीं। यह उत्सव धीरे-धीरे लालटेन उत्सव में विकसित हो गया। इस दिन सभी चीनी लोग अपने घरों को लालटेन से सजाते हैं।

    सपना- अखिल जी... जैसे चीन में चीनी नववर्ष मनाया जाता है, क्या इसी तरह भारत में भी कोई अपना नववर्ष होता हैं?

    अखिल- जी हां। भारत में भी अपने नववर्ष होते हैं। पर यह अलग बात है कि चीनी नववर्ष जैसा नही मनाया जाता है। भारत में 50 कैलेंडर (पंचांग) हैं और इनमें से कई का नया साल अलग दिनों पर होता है।

    वैसे तो नॉर्मली नववर्ष यानी वर्ष का पहला दिन 1 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन के साथ दुनिया के ज़्यादातर लोग अपने नए साल की शुरुआत करते हैं। नए का आत्मबोध हमारे अंदर नया उत्साह भरता है और नए तरीक़े से जीवन जीने का संदेश देता है। हालांकि ये उल्लास, ये उत्साह दुनिया के अलग-अलग कोने में अलग-अलग दिन मनाया जाता है क्योंकि दुनिया भर में कई कैलेंडर हैं और हर कैलेंडर का नया साल अलग-अलग होता है। एक अनुमान के अनुसार अकेले भारत में ही क़रीब 50 कैलेंडर (पंचांग) हैं और इनमें से कई का नया साल अलग दिनों पर होता है।

    भारत कैलैंडरों के मामले में कम समृद्ध नहीं है। इस समय देश में विक्रम संवत, शक संवत, हिजरी संवत, फसली संवत, बांग्ला संवत, बौद्ध संवत, जैन संवत, खालसा संवत, तमिल संवत, मलयालम संवत, तेलुगु संवत आदि अनेक प्रचलित हैं। इनमें से हर एक के अपने अलग-अलग नववर्ष होते हैं। देश में सर्वाधिक प्रचलित संवत विक्रम और शक संवत है। माना जाता है कि विक्रम संवत गुप्त सम्राट विक्रमादित्य ने उज्जयनी में शकों को पराजित करने की याद में शुरू किया था। यह संवत 58 ईसा पूर्व शुरू हुआ था। विक्रम संवत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है।

    इसी समय चैत्र नवरात्र प्रारंभ होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन उत्तर भारत के अलावा गुड़ी पड़वा और उगादी के रूप में भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष मनाया जाता है। सिंधी लोग इसी दिन चेटी चंद्र के रूप में नववर्ष मनाते हैं। शक सवंत को शालीवाहन शक संवत के रूप में भी जाना जाता है। माना जाता है कि इसे शक सम्राट कनिष्क ने 78 ई। में शुरू किया था। स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने इसी शक संवत में मामूली फेरबदल करते हुए इसे राष्ट्रीय संवत के रूप में अपना लिया। राष्ट्रीय संवत का नव वर्ष 22 मार्च को होता है जबकि लीप ईयर में यह 21 मार्च होता है। चैत्र शुक्ला प्रतिपदा को विक्रमीय संवत की दृष्टि से नववर्ष मनाया जाता है। ब्रज में इस दिन नीम की पती और मिश्री खाने की परम्परा है।

    सपना- चलिए, इसी जानकारी को आगे बढ़ाते हुए चीन व अन्य देशों में मनाए जाने वाले नववर्ष के बारे में बताती हूं।

    पुरानी सभ्यताओं में से एक चीन में भी अपना एक अलग कैलेंडर है। तकरीबन सभी पुरानी सभ्यताओं के अनुसार चीन का कैलेंडर भी चंद्रमा गणना पर आधारित है। इसका नया साल 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच पड़ता है। चीनी वर्ष के नाम 12 जानवरों के नाम पर रखे गए हैं। चीनी ज्योतिष में लोगों की राशियाँ भी 12 जानवरों के नाम पर होती हैं। लिहाजा यदि किसी की बंदर राशि है और नया वर्ष भी बंदर आ रहा हो तो वह साल उस व्यक्ति के लिए विशेष तौर पर भाग्यशाली माना जाता है। इस साल मुर्गा साल है। 1 जनवरी को अब नये साल के जश्न के रुप में मनाया जाता है। एक-दूसरे की देखा-देखी यह जश्न मनाने वाले शायद ही जानते हों कि दुनिया भर में पूरे 70 नववर्ष मनाए जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि आज भी पूरी दुनिया कैलेण्डर प्रणाली पर एकमत नहीं हैं। इक्कीसवीं शताब्दी के वैज्ञानिक युग में इंसान अन्तरिक्ष में जा पहुँचा है, मगर कहीं सूर्य पर आधारित, कहीं चन्द्रमा पर आधारित तो कहीं सूर्य, चन्द्रमा और तारों की चाल पर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दुनिया में विभिन्न कैलेण्डर प्रणालियाँ लागू हैं। यही वजह है कि अकेले भारत में पूरे साल तीस अलग-अलग नव वर्ष मनाए जाते हैं। दुनिया में सर्वाधिक प्रचलित कैलेण्डर 'ग्रेगोरियन कैलेण्डर' है। जिसे पोप ग्रेगरी तेरह ने 24 फरवरी, 1582 को लागू किया था। यह कैलेण्डर 15 अक्तूबर, 1582 में शुरू हुआ। इसमें अनेक गलतियां होने के बावजूद भी कई प्राचीन कैलेण्डरों को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आज भी मान्यता मिली हुई हैं।

    अखिल- जापानी नव वर्ष 'गनतन-साईं' या 'ओषोगत्सू' के नाम से भी जाना जाता है। महायान बौद्ध 7 जनवरी, प्राचीन स्कॉट में 11 जनवरी, वेल्स के इवान वैली में नव वर्ष 12 जनवरी, सोवियत रूस के रुढि़वादी चर्चों, आरमेनिया और रोम में नववर्ष 14 जनवरी को होता है। वहीं सेल्टिक, कोरिया, वियतनाम, तिब्बत, लेबनान और चीन में नव वर्ष 21 जनवरी को प्रारंभ होता है। प्राचीन आयरलैंड में नववर्ष 1 फरवरी को मनाया जाता है तो प्राचीन रोम में 1 मार्च को। भारत में नानक शाही कैलेण्डर का नव वर्ष 14 मार्च से शुरू होता है। इसके अतिरिक्त ईरान, प्राचीन रूस तथा भारत में बहाई, तेलुगू तथा जमशेदी (जोरोस्ट्रियन) का नया वर्ष 21 मार्च से शुरू होता है। प्राचीन ब्रिटेन में नव वर्ष 25 मार्च को प्रारंभ होता है।

    सपना- प्राचीन फ्रांस में 1 अप्रैल से अपना नया साल प्रारंभ करने की परंपरा थी। यह दिन 'अप्रैल फूल' के रुप में भी जाना जाता है। थाईलैंड, बर्मा, श्रीलंका, कम्बोडिया और लाओ के लोग 7 अप्रैल को बौद्ध नववर्ष मनाते हैं। वहीं कश्मीर के लोग अप्रैल में, भारत में वैशाखी के दिन, दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों, बंगलादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, कम्बोडिया, नेपाल, बंगाल, श्रीलंका व तमिल क्षेत्रों में, नया वर्ष 14 अप्रैल को मनाया जाता है। इसी दिन श्रीलंका का राष्ट्रीय नव वर्ष मनाया जाता है। सिखों का नया साल भी 14 अप्रैल को मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के कुछ अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा के दिन 17 अप्रैल को नया साल मनाते हैं। असम में नववर्ष 15 अप्रैल को, पारसी अपना नववर्ष 22 अप्रैल को, तो बेबीलोनियन नव वर्ष 24 अप्रैल से शुरू होता है। प्राचीन ग्रीक में नव वर्ष 21 जून को मनाया जाता था। प्राचीन जर्मनी में नया साल 29 जून को मनाने की परंपरा थी और प्राचीन अमेरिका में 1 जुलाई को। इसी प्रकार आरमेनियन कैलेण्डर 9 जुलाई से प्रारंभ होता है जबकि म्यांमार का नया साल 21 जुलाई से शुरू होता है।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अभी हम बात करेंगे कि इस साल चीनी नववर्ष मनाने को लेकर विदेशों में क्या कुछ हुआ, और क्या-क्या गतिविधियां चलाई जा रही हैं। पर उससे पहले हम सुनते हैं यह न्यूईयर स्पेशल चीनी गीत

    (CHINESE SONG-1)

    अखिल- वैलकम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं हमारा आज का न्यूईयर स्पेशल प्रोग्राम, चाइना रेडियो इंटरनेशनल के हिन्दी सेवा पर

    (MUSIC)

    सपना- आइए पहले बात करते हैं थाईलैंड की... थाईलैंड में चल रही हैं चीनी वसंत त्यौहार की गतिविधियां

    दोस्तों, थाईलैंड चीन का पड़ेसी देश है। चीनी वसंत त्यौहार के दौरान दोनों देशों की सरकार बड़े पैमाने पर वसंत का स्वागत शीर्षक गतिविधियां आयोजित करेंगी। थाई राष्ट्रीय पर्यटन ब्यूरो के विचार में इन गतिविधियों के माध्यम से अधिक चीनी पर्यटकों को थाईलैंड की यात्रा करने के लिए आकर्षित किया जाएगा।

    साल 2017 के वसंत त्यौहार, थाईलैंड की राजधानी बैंकोक स्थित एक पार्क में शानदार सांस्कृतिक और खानपान कार्यक्रम आयोजित हुआ। थाईलैंड स्थित चीनी दूतावास के सांस्कृतिक काउंसलर छन च्यांग ने कहा: "इस वर्ष चीनी और थाई सरकार के बीच वसंत त्यौहार गतिविधियों के आयोजन का 13वां साल है। यह विदेशों में आयोजित किए जाने वाले वसंत त्यौहार के बारे में सबसे बड़े पैमाने, दर्शकों की संख्या सबसे अधिक और सबसे लम्बे समय तक वाली गतिविधि है। इस वर्ष 7 चीनी कला मंडली थाईलैंड आए। चीनी कलाकारों ने कलाबाज़ी, नृत्य गान, लोक संगीत और वूशू का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, इस वर्ष एक चीनी रसोइयों का मंडल भी आया। वे चीनी विशेषता वाले खाना और केक बनाएंगे। मुझे विश्वास है कि इस वर्ष के कार्यक्रमों में अधिक दर्शकों को आकर्षित किया जाएगा।"

    बैंकोक के अलावा, थाईलैंड में फूकेत, चियांग माई और पटाया जैसे चीनी पर्यटकों के गंतव्य स्थलों में चीनी वसंत त्यौहार की खुशियां मनाने के लिए सिलसिलेवार कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है या किया जाएगा।

    थाईलैंड में पर्यटन उद्योग से जुड़े क्षेत्र में कार्यरत पत्रकार अक्कपोंग तोंगपुन ने कहा कि पहले चीनी वसंत त्यौहार के दौरान शानदार गतिविधियां भी आयोजित हुईं। उन्हें न केवल चीनी कलात्मक प्रदर्शन पसंद है, बल्कि चीनी संस्कृति, खासकर चीनी चाय संस्कृति से भी बेहद लगाव है। अक्कपोंग तोंगपुन ने कहा: "मुझे चीनी चाय संस्कृति बहुत पसंद है। चाय पीना मेरी आदत में शुमार है। लगता है कि चीनी चाय संस्कृति बहुत दिलचस्प है।"

    अखिल- चलिए अब बात करते हैं दक्षिण कोरिया की, जहां "हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर" शीर्षक मेला आयोजित हुआ

    दोस्तों, साल 2017 "हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर" शीर्षक वसंत त्यौहार मेला 16 जनवरी को राजधानी सियोल में आयोजित हुआ। वसंत त्यौहार का मेला 2017 में दक्षिण कोरिया में चीनी वसंत त्यौहार मनाने की सिलसिलेवार गतिविधियों में से एक है, जो "रंगीन हूनान" नाम का है। इसी दौरान मध्य चीन के हूनान प्रांत के प्रांतीय जातिय संगीत मंडल ने संगीत सभा आयोजित की, चीनी परंपरागत शेर नृत्य का प्रदर्शन किया गया और हूनान प्रांत के गैर-भौतिक सांस्कृतिक अवशेषों की प्रदर्शनी और चीनी हस्तलिपि प्रदर्शनी आयोजित हुई। बता दें कि वर्ष 2010 से ही चीनी संस्कृति विभाग के नेतृत्व में दक्षिण कोरिया स्थित चीनी दूतावास और सियोल चीनी संस्कृति केंद्र हर साल वसंत त्यौहार के दौरान दक्षिण कोरिया के विभिन्न स्थलों में रंगबिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। साल 2017 "हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर" गतिविधि 16 से 28 जनवरी तक जारी रहेगी।

    सपना- अब बात करते हैं भूटान की, जहां चीनी नये साल की खुशियां मनाई गईं

    दोस्तों, चीनी वसंत त्यौहार की पूर्व संध्या पर भूटान की राजधानी थिम्पू में चीनी नये साल की खुशियां मनाने के लिए गीत और नृत्य का एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारत स्थित चीनी राजदूत लो चाओह्वेई, भूटान के प्रधानमंत्री त्सेरिंग तोपगे सहित अनेक उच्च स्तरीय पदाधिकारी और कुछ शाही परिवार सदस्य समेत 200 से अधिक अतिथियों ने समारोह में चीन के शिन्च्यांग कला मंडली द्वारा प्रस्तुत प्रदर्शन का आनंद लिया।

    लो चाओह्वेई ने समारोह में बयान देते हुए भूटान में प्राप्त प्रगतियों की प्रशंसा की और कहा कि भूटानी नेता द्वारा प्रस्तुत जीएनएच सूचकांक का विश्व में व्यापक स्वागत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चीन भूटान का पड़ोसी देश है। चीनी कलाकारों के प्रदर्शन से दोनों देशों को और नजदीक लाया गया है।

    भूटान के गृह और सांस्कृतिक मामलों का मंत्रालय के सचिव कमर वीजिर ने समारोह में बयान देते हुए कहा कि हम शिन्च्यांग कला मंडली का भूटान में चीनी नये साल की खुशियां मनाने में दी गई ख़ास प्रस्तुति का स्वागत करते हैं और आशा है कि नये साल में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नये स्तर पर पहुंचाया जाएगा ।

    समारोह में चीनी कलाकारों के गीत, नृत्य और कलाबाजी आदि श्रेष्ठ प्रदर्शनों का गर्मजोशी से स्वागत हुआ।

    अखिल- अब बात करते हैं बांग्लादेश की राजधानी ढाका की जहां "हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर" नाट्य-प्रदर्शन आयोजित हुआ

    दोस्तों, वर्ष 2017 का "हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर" नाट्य-प्रदर्शन चीनी परंपरागत त्यौहार वसंतोत्सव की पूर्व संध्या में बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित राष्ट्रीय रंगमंच में आयोजित हुआ। बांग्लादेश स्थित चीनी कार्यदूत यांग शीचाओ, बांग्लादेश के सांस्कृतिक मंत्री असादुजामान नूर और बांग्लादेश में स्थित विदेशी राजनयिकों ने इसमें भाग लिया।

    बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने बधाई संदेश में कहा कि बांग्लादेश और चीन के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। वर्ष 2017 चीन-बांग्लादेश का मित्रवत आवाजाही वर्ष है। यह द्विपक्षीय संबंधों के आगे विकास के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।

    राजदूत यांग शीचाओ ने कहा कि "हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर" नाट्य-प्रदर्शन ने चीन-बांग्लादेश मित्रवत आवाजाही वर्ष की शुरुआत की है। चीन बांग्लादेश के साथ विकास की रणनीति और अपने "चीन का सपना" और "स्वर्णिम बंगाल" साकार करने में सहयोग बढ़ाने को तैयार है।

    सपना- अभी आपको ले चलती हूं फ्रांस जहां चीनी वसंत त्यौहार की खुशियां मनाई जा रही हैं

    दोस्तों, फ्रांस में सीन नदी के तट पर स्थित पेरिस चीनी संस्कृति केंद्र वसंत त्यौहार के माहौल में डूबा हुआ है। "हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर" सिलसिलेवार कार्यक्रमों के एक अंग के रूप में "चीनी संस्कृति केंद्र में वसंतोत्सव की खुशियां" शीर्षक गतिविधि आयोजित हुई। 400 से अधिक फ्रांसीसी और चीनी अतिथियों ने इसमें भाग लिया। स्थानीय फ्रांसीसी नागरिकों ने चीनी त्यौहार से जुड़ी संस्कृति का मज़ा लिया।

    दक्षिण चीन के क्वांगतोंग प्रांत के शनचन शहर के ओपेरा अनुसंधान केंद्र ने "पेरिस में हैप्पी चाइनीज़ यात्रा" शीर्षक पेइचिंग ओपेरा का खास प्रदर्शन किया। चीनी ओपेरा कलाकारों ने कई पेइचिंग ओपेरा नाटक प्रस्तुत किए, जिससे स्थानीय फ्रांसीसी दर्शकों को चीनी संस्कृति का सार महसूस किया और चीनी ओपेरा का मज़ा लिया। इस वर्ष की गतिविधियों में चीनी चाय संस्कृति को भी अवगत कराया गया। सुप्रसिद्ध चीनी विद्वान वांग लुश्यांग ने फ्रांसीसी अतिथियों को चीनी चाय के इतिहास की जानकारी दी और चाय पीने की संस्कृति बतलायी।

    फ्रांस में आयोजित मौजूदा कार्यक्रम से फ्रांसीसी लोगों को खास चीनी संस्कृति का अनुभव करवाया गया। 60 से अधिक वर्षीय पियरे ने कहा कि यह उनका पेरिस चीनी संस्कृति केंद्र में वसंत त्यौहार मनाने का चौथा साल है। चीन की चाय संस्कृति के बारे में उन्हें बड़ी रूचि है। लेकिन पेरिस में शुद्ध चीनी चाय पीने वाली संस्कृति से घनिष्ठ संपर्क करने का मौका कम है, इस बार उनका सपना साकार हुआ।

    अखिल- चलिए, मैं आपको ले चलता हूं जर्मनी के हैम्बर्ग में, जहां चीनी वसंत त्यौहार का रात्रि मिलन समारोह आयोजित हुआ

    दोस्तों, पहला उत्तरी जर्मनी चीनी वसंत त्यौहार रात्रि मिलन समारोह हाल में उत्तरी जर्मनी के बंदरगाह शहर हैम्बर्ग में आयोजित हुई। उत्तरी जर्मनी में रहने वाले विभिन्न जगत के चीनियों, चीनी मूल वाले व्यक्तियों और स्थानीय अतिथियों के साथ मिलकर वसंतोत्वस की खुशियां मनाईं।

    इस वर्ष पहला उत्तरी जर्मन चीनी वसंत त्यौहार रात्रि मिलन समारोह जर्मनी और चीन के उद्यमी संघ और हैम्बर्ग चीनी महिला संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ। इसमें भाग ले रही महिला मा श्यामिन, जो जर्मनी में 20 से अधिक साल रह चुकी है, ने कहा कि इस प्रकार के मिलन समारोह से विदेशों में रहने वाले चीनियों को अकेलापन नहीं महसूस हुआ। साथ-साथ अपने परंपरागत त्यौहार मनाने के दौरान लोगों को बड़ी खुशी हुई। मा श्याओमिन ने कहा:"इस वर्ष यह पहली बार है। जर्मनी में अगर सप्ताहांत नहीं हुआ, तो वसंत त्यौहार सार्वजनिक छुट्टी नहीं रही। उसी दिन हमें छुट्टी लेने पड़ती है। घर में बैठे हुए चीन में सीसीटीवी द्वारा प्रसारित वसंतोत्सव मिलन समारोह का मज़ा लेते हैं। इस बार मित्रों, परिजनों और दूसरे चीनी मूल वाले लोगों के साथ मिलकर एक साथ वसंत त्यौहार मनाना हमें बेहद अच्छा लगता है।"

    मौजूदा मिलन समारोह में चाइनीज़ वूशू, नृत्य गान जैसे रंगबिरंगे कार्यक्रम पेश किए गए। इनके अलावा 375 पुरस्कार भी तैयार हुए, जिनकी कुल मूल्य 28 हज़ार यूरो है। इसमें विशेष पुरस्कार चीन और जर्मनी के बीच आने-जाने की हवाई टिकट है। चीनी और जर्मनी मिश्रित व्यक्ति शी वेई ने यह खास पुरस्कार हासिल किया। उनकी मां जर्मन है और पापा चीनी। साल 1989 में वह मां के साथ जर्मनी में आ बसे थे और वर्तमान में मर्सिडीज बेंज कंपनी में उत्पादन जांच के क्षेत्र में कार्यरत हैं। खास पुरस्कार पाकर शी वेई बेहद खुश हुए। उन्होंने कहा: "कभी नहीं सोचा कि मुझे यह खास पुरस्कार मिलेगा। अब मैं सोच रहा हूँ कि छुट्टियां लेकर स्वदेश वापस जाउं। दोस्तों से एक बार फिर मिलूं और इधर-उधर घूमूं। एक वाक्य है कि माता-पिता को देखने कभी-कभार घर वापस जाना चाहिए। मैं स्वदेश वापस लौटने की तैयारी में हूँ।"

    मिलन समारोह में भाग लेने आए सुश्री क्लास के पति एक प्राइमरी स्कूल के प्रधान हैं। उनका प्राइमरी स्कूल पेइचिंग के चीछुनली प्राइमरी स्कूल मित्रवत प्राइमरी स्कूल हैं। हर वर्ष दोनों स्कूलों के बीच क्रमशः 12-12 विद्यार्थी आदान प्रदान के लिए पेइचिंग और बर्लिन की यात्रा करते हैं। सुश्री क्लास ने कहा कि मिलन समारोह में रंगारंग कार्यक्रमों को देखकर उसे बहुत अच्छा लगता है। चीनी संस्कृति बहुत विविधतापूर्ण है, जिसे लगातार समझने योग्य है। मैडम क्लास ने कहा:"मेरे कई मित्रों ने सिर्फ़ चीन के बारे में सुना था। लेकिन आज मुझे चीनी सांस्कृतिक अभिनय देखने का मौका मिला है। रंगबिरंगे कार्यक्रमों से मैंने चीन के विभिन्न स्थलों की विविधतापूर्ण संस्कृति और खास इतिहास की जानकारी ली । यह सचमुच अच्छी बात है।"

    सपना- दोस्तों, इन दिनों वसंत त्यौहार के उपलक्ष्य में रूस के सार्वजनिक बसों पर चीनी विज्ञापन देखे जा सकते हैं।

    चीनी वसंत त्यौहार की पूर्व संध्या में रूस की सड़कों पर हरेक सार्वजनिक वाहनों पर "सुन्दर चीन में आपका स्वागत है" नाम का विज्ञापन लगा देखा जा रहा है, जो रूस में चलने वाला चीनी नाम कार्ड बन गया है, और नागरिकों का ध्यान भी केंद्रित हुआ।

    इन सार्वजनिक वाहनों पर पेंटिंग की गई चीन की लम्बी दीवार, पेइचिंग ओपेरा, चीनी अक्षर और चीनी पर्यटन संकेत जैसे चीन से जुड़े तत्वों पर लोगों की नज़र टिकी हुई है। चीनी और रूसी भाषा में "सुन्दर चीन में आपका स्वागत है" वाला विज्ञापन शब्द मॉस्को की सड़कों पर चीन की स्टाइल एकदम नज़र आ रही है।

    अखिल- चीनी वसंत त्यौहार के मौके पर नाइजीरियाई राष्ट्रपति ने चीनी जनता को हार्दिक बधाई दी

    दोस्तों, चीनी परंपरागत त्यौहार वसंतोत्सव के उपलक्ष्य में नाइजीरियाई राष्ट्रपति मोहम्मद बुहारी ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से फेसबुक पर बधाई दी।

    बधाई संदेश में कहा गया कि इस वर्ष 28 जनवरी को चीनी पंचांग का नया साल है। नाइजीरिया और सारी दुनिया के चीनी मूल वाले लोग खुशियां मना रहे हैं। इस उपलक्ष्य में मैं नाईजीरियाई सरकार और जनता की ओर से चीनी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूँ और सबसे सदिच्छपूर्ण अभिवादन करता हूँ।

    बधाई संदेश में कहा गया कि हमें मालूम है कि वसंत त्यौहार चीन में सबसे महत्वपूर्ण पारंपरिक त्यौहार है। यह परिवारजनों का मिलन समारोह भी है। परिवार के सदस्य चाहे कहीं भी दूर रहते हो, इस समय पुनः मिलन के लिए घर वापस आते हैं। पूरा परिवार एक साथ रहते हुए बीते हुए सुनहरे समय को याद करते हैं और नए साल में सुन्दर सपने की अपेक्षा करते हैं। वसंत त्यौहार के दौरान नाईजीरिया की राजधानी अबुजा से चीन की राजधानी पेइचिंग तक, विश्व के विभिन्न जगत जरूर त्यौहार के माहौल में डूबा हुआ है।

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