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    संडे की मस्ती 2017-05-07
    2017-05-07 19:29:11 cri

    अखिल- हैलो दोस्तों। नमस्कार। नीहाओ। आपका स्वागत है, हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की। इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    (Music)

    अखिल- चलिए दोस्तों, प्रोग्राम शुरू करने से पहले, हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    सपना- इस चीनी गीत का नाम है…

    (Chinese Song)

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    (Music)

    अखिल- चलिए दोस्तों। आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज सपना जी पेश करेंगी एक खास रिपोर्ट

    (सपना जी की कहानी)

    अखिल- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए।।। दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    (Music)

    अखिल- चलिए, अजीबोगरीब बातों के इस सेगमेंट में मैं आपको बताता हूं कि यूट्यूब की 'स्टार' हैं 106 साल की यह अम्मा, अपने खाने से दुनिया को बना रहीं दीवाना

    दोस्तों, 60 साल की उम्र होते ही अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि वे बुजुर्ग हो गए हैं. अगर आप उन्हें कोई तकनीक सीखने को कहें तो कहते हैं अब उन्हें ये सब सीखने की क्या जरूरत है. ऐसे लोगों के सामने आंध्र प्रदेश की 106 साल की बुजुर्ग महिला मिसाल पेश कर रही हैं. मस्तनम्मा नाम की यह बुजुर्ग इस उम्र में यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कर दुनिया भर में फेमस हो गई हैं. अम्मा पारंपरिक तरीके से बेहद स्वादिष्ट खाना पकाती हैं. वह खाना पकाने के तरीकों को यूट्यूब पर अपलोड कर दुनिया के सामने अपनी कला को पहुंचा रही हैं. इस बुजुर्ग महिला की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूट्यूब पर यह Country Foods नाम से पेज बना रखी हैं. इस पेज को ढाई लाख से ज्यादा लोग सब्स्क्राइब कर चुके हैं.

    आंध्र प्रदेश की रहनेवालीं मस्तनम्मा यूट्यूब की सबसे उम्रदराज यूट्यबूर बन चुकी हैं. इनके चैनल को इनका पोता के. लक्ष्मण हैंडल करता है. अम्मा बिल्कुल देसी अंदाज में खाना पकाती हैं. वह वेज के अलावा नॉनवेज भी पकाती हैं. वह जिस सलीके से खाना पकाती हैं, उसे देखने में ही मजा आ जाए. उदाहरण के लिए जब आप इन्हें खाना पकाते हुए देखेंगे तो पाएंगे कि उन्हें मालूम है कि कब कितना मसाला देना है, कब नमक डालना है, कितनी आंच रखनी है आदि. इस उम्र में भी वह मछली, चिकन आदि सभी चीजें खुद से तैयार करती हैं. वह अंडे का भी कई व्यंजन पकाती हैं.

    उनका पकाने का तरीका और बेहद कम मसालों में खाने में स्वाद लाना सभी को भा रहा है. मस्तनम्मा और उनके पोते के इस प्रयास से भारतीय ग्रामीण व्यंजन की पहुंच दुनिया भर में हो रही है.

    सपना- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब और चटपटी बातों के इस क्रम में मैं आपको बताती हूं कि 13 वर्षीय बच्ची, चुटकियों में हल करती है गणित के सवाल

    दोस्तों, अधिकतर बच्चों के लिए जहां जटिल समीकरण किसी स्वप्न की तरह होते हैं वहीं 13 वर्षीय अदिति शर्मा के लिए यह बच्चों का खेल है और वह कुछ सेंकडों में ही इन्हें हल कर देती हैं. यहां राज्य स्तर के 12वें 'एबेकस एंड मेंटल अर्थमेटिक चैंपियपशिप' में अदिति ने 'लिसनिंग कॉम्पिटिशन' में जीत हासिल की. पांच से 13 वर्ष की आयु के 60 बच्चों ने यहां यूएसएमएएस, एबेकस गणितीय तकनीक के दम पर अपने गणना कौशल को प्रदर्शित किया.

    अदिति ने ''कागज पर सवाल हल करने में लगने वाले समय से अधिक तेजी से'' इकाई से हजार अंक वाली संख्या की पंक्तियों की गणना को मौखिक रूप से हल किया. उन्हें एक ट्रॉफी और 5,100 रूपए नकद का पुरस्कार दिया गया है. छात्र दक्ष अग्रवाल और अनीश रॉय चौधरी क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे, जिन्हें 3100 और 2100 नकद राशि भेंट दी गई.

    अखिल- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब बातों के इस क्रम को आगे जारी रखते हुए बताता हूं कि इंसानों के रहने के लिए अब स्पेस स्टेशन बनाने की तैयारी में चीन

    दोस्तों, चीन अब इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए वहां एक स्थायी स्पेस स्टेशन बनाने की तैयारी कर रहा है। चीन की योजना 2022 तक इंसानी समूहों को इस स्पेस स्टेशन पर भेजने की है।

    20 अप्रैल को लॉन्च किया गया थियनजो-1 यान नियोजित तीन प्रयासों में से पहले प्रयास में कामयाबी के साथ थियनकोंग-2 स्पेसलैब की कक्षा में पहुंच गया जहां उसने 5 दिन तक सफलतापूर्वक रीफ्यूलिंग की। इस कामयाबी को 2022 तक अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की चीन की योजना के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी नैशनल सिक्यॉरिटी को और मजबूत करने के लिए स्पेस प्रोग्राम को काफी प्राथमिकता दी है।

    इस प्रॉजेक्ट के सुपरवाइजर वांग जायोयाओ ने अपनी न्यूज ब्रीफिंग में कहा,'यह चीन के लोगों और एक बड़ी अंतरिक्ष शक्ति बनने की हमारी आकांक्षा और अभिलाषा की घोषणा करता है।' उन्होंने कहा,'स्पेसफ्लाइट का एक्सपेरिमेंटल स्टेज पूरा करने के बाद हम डिवेलपमेंट और कंस्ट्रक्शन फेज में प्रवेश करेंगे। हमारी योजनाओं के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच इंसानों के रहने के लिए स्पेस स्टेशन बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।'

    सपना- चलिए दोस्तों, अजीबोगरीब और चटपटी बातों का यह सेगमेंट यहीं समाप्त होता है, चलिए... अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना...उसके बाद हम आपको ले चलेंगे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ

    (Hindi Song)

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल पाराशर।

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना....

    (Music)

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है कॉकरोच थ्योरी

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, कुछ दिनों पहले मेरे एक अच्छे दोस्त ने मेरे साथ एक बड़ी ही interesting post share की जिसमे Google CEO Sundar Pichai की speech से ली गयी एक story का जिक्र था। ये स्टोरी self-development पर focused थी और इसे title दिया गया था- "The cockroach theory for self development." तो आज मैं आपके साथ इसी कहानी का हिन्दी रूपांतरण शेयर कर रहा हूँ।

    एक रेस्टोरेंट में अचानक ही एक कॉकरोच उड़ते हुए आया और एक महिला की कलाई पर बैठ गया। महिला भयभीत हो गयी और उछल-उछल कर चिल्लाने लगी…कॉकरोच…कॉकरोच… । उसे इस तरह घबराया देख उसके साथ आये बाकी लोग भी पैनिक हो गए …इस आपाधापी में महिला ने एक बार तेजी से हाथ झटका और कॉकरोच उसकी कलाई से छटक कर उसके साथ ही आई एक दूसरी महिला के ऊपर जा गिरा। अब इस महिला के चिल्लाने की बारी थी…वो भी पहली महिला की तरह ही घबरा गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी!

    दूर खड़ा वेटर ये सब देख रहा था, वह महिला की मदद के लिए उसके करीब पहुंचा कि तभी कॉकरोच उड़ कर उसी के कंधे पर जा बैठा। वेटर चुपचाप खड़ा रहा। मानो उसे इससे कोई फर्क ही ना पड़ा, वह ध्यान से कॉकरोच की गतिविधियाँ देखने लगा और एक सही मौका देख कर उसने पास रखा नैपकिन पेपर उठाया और कॉकरोच को पकड़ कर बाहर फेंक दिया। मैं वहां बैठ कर कॉफ़ी पी रहा था और ये सब देखकर मेरे मन में एक सवाल आया….क्या उन महिलाओं के साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए वो कॉकरोच जिम्मेदार था? यदि हाँ, तो भला वो वेटर क्यों नहीं घबराया? बल्कि उसने तो बिना परेशान हुए पूरी सिचुएशन को पेर्फेक्ट्ली हैंडल किया।

    दरअसल, वो कॉकरोच नहीं था, बल्कि वो उन औरतों की अक्षमता थी जो कॉकरोच द्वारा पैदा की गयी स्थिति को संभाल नहीं पायीं। मैंने रियलाइज़ किया है कि ये मेरे पिता, मेरे बॉस या मेरी वाइफ का चिल्लाना नहीं है जो मुझे डिस्टर्ब करता है, बल्कि उनके चिल्लाने से पैदा हुई डिस्टर्बेंस को हैंडल ना कर पाने की मेरी काबिलियत है जो मुझे डिस्टर्ब करती है। ये रोड पे लगा ट्रैफिक जाम नहीं है जो मुझे परेशान करता है बल्कि जाम लगने से पैदा हुई परेशानी से डील ना कर पाने की मेरी अक्षमता है जो मुझे परेशान करती है। यानि problems से कहीं अधिक, मेरा उन problems पर reaction है जो मुझे वास्तव में परेशान करता है। मैं इससे क्या सीखता हूँ? मैं सीखता हूँ कि मुझे लाइफ में react नहीं respond करना चाहिए।

    महिलाओं ने कॉकरोच की मौजूदगी पर react किया था जबकि वेटर ने respond किया था… रिएक्शन हमेशा अचानक होता है और बिना सोचे-समझे किया जाता है जबकि response सोच समझ कर की जाने वाली चीज है। जीवन को समझने का एक सुन्दर तरीका- जो लोग सुखी हैं वे इसलिए सुखी नहीं हैं क्योंकि उनके जीवन में सबकुछ सही है…वो इसलिए सुखी हैं क्योंकि उनके जीवन में जो कुछ भी होता है उसके प्रति उनका attitude सही होता है।

    दोस्तों, महान साइकेट्रिस्ट Viktor Frankl का भी कहना था- Stimulus और response के बीच में एक space होता है। उसी space में हमारे पास अपना response चुनने की शक्ति होती है। और हमारे रिस्पोंस में ही हमारी growth और हमारी स्वतंत्रता निहित है।

    दोस्तों, ये स्टोरी पिछले कुछ सालों से इन्टरनेट पर चल रही है, हालांकि इसे Google CEO Sundar Pichai की स्पीच का हिस्सा बताया जाता है पर इस बात के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। खैर, ये matter नही करता कि इसे किसने, कब, कहाँ सुनाया…. matter इस कहानी से मिलने वाली सीख करती है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप इस बात से agree करते हैं कि हमें life में हमेशा respond करना चाहिए….react नहीं?

    सपना- तो दोस्तों, यह थी अखिल जी द्वारा प्रस्तुत प्रेरक कहानी जिसका शीर्षक था कॉकरोच थ्योरी। दोस्तों, इस हफ्ते कोई भी फिल्म रिलिज नहीं हुई, इसलिए हम आपको किसी फिल्म के रिलिज होने के बारे में नहीं बता रहे हैं। चलिए हंसी-खुशी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए लेकर आए हैं कुछ मजेदार जोक्स, जिन्हें सुनकर आप जरूर हो जाएंगे लोट-पोट... आइए.. सुनते हैं ये कुछ मजेदार जोक्स।

    (Music)

    अखिल- 1. एक बार घर गंदा पड़ा हुआ था और साफ-सफाई करने की बजाय बहू सजने संवरने में लगी थी। यह देखकर सास झाड़ू लगाने लगी। बेटे से यह देखा नहीं गया।

    उसने कहा- लाओ मां, मैं झाड़ू लगा देता हूं।

    मां ऊंची आवाज में बहू को सुनाते हुए कहती है- अरे रहने दे बेटा, मैं ही लगा देती हूं।

    यह सुनकर बहू लिपस्टिक लगाते हुए कहती है- अरे झगड़ते क्यों हो, काम बांट लो न। एक दिन बेटा झाड़ू लगा देगा और एक दिन मां लगा देगी। (हंसी की आवाज)

    2. एक बार मृत्यु के बाद पुजारी और ड्राइवर को साथ-साथ यमराज के पास ले जाया गया। जब यमराज द्वारा उन्हें स्वर्ग में स्थान देने की पुकार लगी, तो पुजारी सकते में आ गया। क्योंकि वहां ड्राइवर को उससे ऊंचा स्थान दिया गया। उससे रहा नहीं गया। और उसने यमराज से सवाल किया, देव, मैंने अपना पूरा जीवन लोगों को भगवान के भजन सुनाने में ही बिता दिया, फिर भी मुझे एक बस ड्राइवर से नीचा स्थान दिया गया। महाराज, ऐसा क्यों? यमराज ने जवाब दिया, पुजारी जी, हम काम नहीं, उसके परिणाम के आधार पर स्थान तय करते हैं। संता पुजारी बोला, महाराज मैं आपका मतलब नहीं समझा। यमराज बोला, भाई तुम्हार भजन सुनकर अक्सर लोग सो जाया करते थे। जबकि इस ड्राइवर की बस में बैठने वाला हर यात्री न केवल जागता रहता था, बल्कि हर समय मन ही मन गायंत्री मंत्र का जाप करता रहता था। (हंसी की आवाज)

    3. एक बार प्रोफेसर अपने छात्र बोलता है:- अगर तुम्हे किसी को संतरा देना हो तो क्या बोलोगे?

    छात्र कहता है:- ये संतरा लो।

    प्रोफेसर बोलता:- नहीं... एक वकील की तरह बोलो...

    छात्र कहता है:- मैं एतद् द्वारा अपनी पूरी रुचि व होशो-हवास में और बिना किसी के दबाव में आए इस फल, जो संतरा कहलाता है, और जिस पर मैं पूरा मालिकाना हक़ रखता हूँ, को उसके छिलके, रस, गूदे और बीज सहित आपको देता हूँ और इसके साथ ही आपको इस बात का सम्पूर्ण व बिना शर्त अधिकार भी देता हूँ कि आप इसे काटने, छीलने, फ्रिज में रखने या खाने के लिये पूरी तरह स्वतंत्र हैं; आप यह अधिकार भी रखेंगे कि आप किसी भी अन्य व्यक्ति को यह फल इसके छिलके, रस, गूदे और बीज के बिना या उसके साथ दे सकते हैं; और अब के बाद मेरा किसी भी प्रकार से इस संतरे से कोई सम्बन्ध नहीं रह जायेगा..!! (हंसी की आवाज)

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