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    आप की पसंद 170513
    2017-06-08 15:17:48 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र ई-मेल से लिख भेजा है युनिवर्स यूथ क्लब, बाजिदपुर चंग्वारा, दरभंगा, बिहार से शंकर प्रसाद शंभू, रंजू मुखिया, अमित कुमार, आजित कुमार आलोक, अपर्णा आलोक, दीपू कुमार मुखिया, महावीर मुखिया, लाल किशोर मुखिया और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है क्रोधी (1981) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और सुरेश वाडेकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. चल चमेली बाग में .....

    पंकज - मित्रों जब गर्मियां आती हैं तो भारत सहित कई उष्ण कटिबंधीय देशों में पीने के पानी का संकट गहराने लगता है, यूं तो इंसानों ने प्राचीन समय से पानी बचाने की जुगत में कई तरह के उपाय किये हैं, लेकिन इंसानों का ध्यान कभी इस बात पर नहीं गया कि तीन चौथाई पृथ्वी के पानी से घिरे होने के बावजूद हम पीने के पानी से महरूम रहें, तो अब चिंता की कोई बात नहीं है वैज्ञानिकों ने वो तरीका ढूंढ निकाला है जिससे हम समुद्र के पानी को भी पी सकेंगे..... इसके लिये वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का फिल्टर बनाया है

    मैनचेस्टर

    समुद्र के खारे जल को भी अब जल्दी ही पीने योग्य बनाया जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा खास फिल्टर तैयार किया है जिससे समुद्र के बेस्वाद पानी को मीठा और पीने के लायक बनाया जा सकेगा। यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह उपकरण बनाया है। इससे दूषित पदार्थों को छानने में सफलता मिली है। यह खोज भविष्य के लिए वरदान साबित हो सकती है। बता दें कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी थी कि 2025 तक दुनिया के करीब 1.20 अरब लोगों को साफ पानी मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। जर्नल नेचर नैनोटेक्नॉलजी में सोमवार को इस शोध के बारे में घोषणा की गई। इस खास फिल्टर से पानी से नमक को निकाला जा सकता है और उसे पीने योग्य बनाया जा सकता है।

    अंजली – मित्रों हम आपसे कहना चाहते हैं कि आप भी हमारे श्रोता शंकर प्रसाद शंभू जी के जैसे ही ई – मेल से हमें पत्र लिख कर भेज सकते हैं, ई – मेल के ज़रिये हमारे पास तक पत्र पहुंचना बहुत आसान होता है और ये बहुत जल्दी हमारे पास पहुंच जाता है, यानी आपने उधर से भेजा और एक सेकेंड में ये हमतक पहुंच जाता है। हम आपसे उम्मीद करते हैं कि आप हमें ई मेल से भी पत्र लिखकर भेजें। हमारे अगले श्रोता हैं गुलशन रेडियो श्रोता संघ, कस्बा हाफ़िज़गंज, ज़िला बरेली, उत्तर प्रदेश से शकील अहमद इदरीसी, पप्पू भाई इदरीसी, इशरत जहां इदरीसी, जुबैद अहमद, जुनैद अहमद, अशद अहमद, आशकारा, बेबी ईशा और गुड़िया ने आप सभी ने हमें पत्र में लिखा है कार्यक्रम पेश करने वालों को हमारा प्यार भरा नमस्कार, तो हम कहना चाहते हैं कि गुलशन रेडियो श्रोता संघ के सभी श्रोताओं को हमारा भी प्यार भरा नमस्कार, आगे आपने लिखा है कि हमें आपका कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता है और पसंद भी आता है, तो मित्रों आपके इन शब्दों से बड़ा हमारे लिये कोई पुरस्कार नहीं है, हमें बहुत उत्साह मिलता है जब आपको हमारा कार्यक्रम अच्छा लगता है, आपने आगे लिखा है कि हमारा पत्र ज़रूर शामिल करें आपकी बड़ी मेहरबानी होगी तो हम आपसे कहना चाहते हैं कि हमने आपका पत्र अपने कार्यक्रम में शामिल कर लिया है और हमेशा करते भी हैं, इसमें मेहरबानी जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि ये कार्यक्रम आपका ही है और आपके पत्रों के बिना ये कार्यक्रम फीका है, हमें बहुत खुशी होती है जब हम आपके पत्रों को अपने कार्यक्रम में शामिल करते हैं। तो अब हम आपको आपकी पसंद का गाना सुनवाते हैं। आप सभी ने सुनना चाहा है An Evening in Paris (1967) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर .2 An Evening in Paris

    पंकज - मानव जनित जलवायु परिवर्तन के कारण शहरों में पानी की आपूर्ति पर असर पड़ा है। ऐसे में कई देश डीसैलिनैशन (विलवणीकरण-पानी से लवणों को निकालने की प्रक्रिया) पर काफी खर्च कर रहे हैं। मैनचेस्टर में इस टीम का नेतृत्व करने वाले प्रफेसर राहुल नायर ने बताया कि यह आगे बढ़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे डीसैलिनैशन तकनीक को और बेहतर करने दिशा में नए संभावनाओं का द्वार खुलेगा।

    पंकज - जल्द ही मुमकिन हो जाएगा सिर ट्रांसप्लांट करवाना! चूहे पर सफल हुआ प्रयोग

    आपने शरीर के कई अंगों की ट्रांसप्लांट सर्जरी के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या दिल और किडनी की ही तरह सिर का ट्रांसप्लांट संभव है? वैज्ञानिकों की मानें, तो बहुत जल्द सिर को ट्रांसप्लांट करना भी मुमकिन हो सकता है। वैज्ञानिकों ने चूहे पर यह प्रयोग करते हुए उसमें सिर का सफल ट्रांसप्लांट किया। इसकी सफलता के बाद अब इसी साल इंसानों पर भी ऐसा ही एक प्रयोग किए जाने की योजना है।चूहे पर की गई इस ट्रांसप्लांट सर्जरी में वैज्ञानिकों ने एक छोटे चूहे के सिर को एक बड़े चूहे के शरीर से जोड़ा। दोनों चूहों में केवल सिर की अदलाबदली करने की जगह वैज्ञानिकों ने अपने इस प्रयोग में बड़े चूहे के शरीर पर छोटे चूहे का सिर जोड़ दिया, लेकिन साथ ही बड़े चूहे का सिर भी रहने दिया। इसके कारण उस बड़े चूहे के शरीर पर दो सिर हो गए। इस ऑपरेशन में कुछ तीन चूहों को इस्तेमाल किया गया। इनमें से एक डोनर चूहा था, एक चूहा वह था जिसके शरीर पर सिर को जोड़ा जाना था और तीसरा चूहा इस ट्रांसप्लांट किए गए सिर में खून की आपूर्ति बरकरार रखने के लिए इस्तेमाल किया गया। एक पंप के द्वारा तीसरे चूहे से डोनर चूहे के सिर में खून स्थांतरित किया गया, ताकि दिमाग के अंदर ऑक्सिजन की कमी न हो।

    ऑपरेशन के बाद जिस चूहे का सिर ट्रांसप्लांट किया गया था, वह देख भी सकता था और दर्द भी महसूस कर पा रहा था। इससे साफ था कि उस सिर को उसके मूल शरीर से अलग करके किसी दूसरे शरीर पर जोड़े जाने के बावजूद दिमाग पूरी तरह से काम कर रहा था। यह प्रयोग डॉक्टरों की जिस टीम ने किया, उनमें इटली के विवादित न्यूरोसर्जन सेरिगो केनावेरो भी शामिल थे। सेरिगो कह चुके हैं कि साल 2017 के अंत तक वह इंसानी सिर को ट्रांसप्लांट करके रहेगें। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि इंसानी सिर को ट्रांसप्लांट करना मुमकिन है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए पर्याप्त तथ्य मौजूद नहीं हैं। अमेरिकन असोसिएशन फॉर न्यूरोसर्जन्स के अध्यक्ष ने सेरिगो द्वारा इंसानी सिर को ट्रांसप्लांट किए जाने की योजनाओं की आलोचना की है।

    अंजली - मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं चंदा चौक अंधराठाढ़ी, ज़िला मधुबनी से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन और इनके साथ इनके ढेर सारे मित्र, इनके साथ ही हमें पत्र लिख भेजा है मेन रोड मधेपुर, जिला, मधुबनी, बिहार से प्रमोद कुमार सुमन, रेनू सुमन और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है प्यार का मौसम (1969) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 3. नी सुल्ताना रे प्यार का मौसम आया .....

    पंकज - कनाडा में मिला उत्तरी अमेरिका का 'सबसे पुराना' गांव

    कनाडा के प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया में दूरदराज के एक आइलैंड पर खुदाई में हजारों साल पुराना एक गांव खोजा गया है। उत्तरी अमेरिका में यह अब तक की सबसे पुरानी मानव सभ्यता के निशान माने जा रहे हैं।

    अनुमान के मुताबिक यह गांव 14,000 साल पुराना है। कनाडा के विक्टोरिया शहर से 500 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में ट्रिकेट आइलैंड पर यह गांव मिला है। माना जा रहा है कि यह गांव मिश्र के पिरामिडों से पुराना है।

    इंडिपेंडंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि खुदाई में मिलीं शिल्पकृतियों में आग जलाने और मछली पकड़ने के औजार हैं, साथ ही यहां से भाले भी मिले हैं। ये औजार हिमयुग के हैं जिनसे यह पता चलता है कि उत्तरी अमेरिका में सभ्यता कैसे विकसित हुई।खुदाई के काम में शामिल हकाई इंस्टिट्यूट की रिसर्चर अलीशा बताती हैं ये शिल्पकृतियां देखकर हम हैरान रह गए, ये बहुत पुरानी थीं। यह खोज नॉर्थ अमेरिका में सभ्यता की शुरुआत को लेकर हमारे अवधारणा बदल देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिटिश कोलंबिया के समुद्रतट पर बड़े स्तर पर ह्यूमन माइग्रेशन हुआ होगा।

    हालांकि यहां समुद्रतटों पर बसे प्राचीन गांवों की लोककथाएं मशहूर हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती रही हैं। ऐसे में समुद्रतट पर बसे इस गांव की खोज से इन लोक कथाओं को और बल मिलेगा।

    अंजली – मित्रों कार्यक्रम के बीच में जब भी मैं आती हूं तो इसका मतलब ये होता है कि अब मैं आपको आपकी पसंद का अगला गीत सुनवाने जा रही हूं, हमें अगला पत्र लिख भेजा है धर्मेन्द्र सिंह और इनके परिजनों ने मल्थोने, ज़िला सागर, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म हिमालय की गोद में (1965) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं --------

    सांग नंबर 4. कंकड़िया मार के जगाया ......

    पंकज - कई शहरों के ऊपर से गुजरेगी दुनिया की 'सबसे ऊंची' इमारत!

    आपने अभी तक तरह-तरह की इमारतें देखी होंगी लेकिन अब जो इमारत आपके सामने होगी वह आपके होश उड़ा देगी। हम बात कर रहे हैं दुनिया की 'सबसे ऊंची' बिल्डिंग की जो बाकी सभी स्काईस्क्रेपर्स से बिलकुल अलग होगी। इसकी खासियत यह है कि यह अनोखी बिल्डिंग पृथ्वी पर नहीं टिकी होगी बल्कि पृथ्वी का चक्कर लगा रहे कॉमिट (धूमकेतु या पुच्छल तारे) से लटकी होगी।

    चौंक गए न! एक आर्किटेक्चर फर्म ने यह अनोखा कॉन्सेप्ट सामने रखा है। independent.co.uk में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यह 'ऐनलेमा टावर' धरती की सतह से 31,068 मील (लगभग 50 हजार किलोमीटर) ऊपर धूमकेतु से मजबूत केबल्स के सहारे लटका होगा। धूमकेतु के ऑर्बिटल पाथ के मुताबिक यह टावर न्यू यॉर्क और हवाना सहित कई शहरों के ऊपर से गुजरेगा।

    यह अद्भुत डिजाइन क्लाउड्स आर्किटेक्चर ऑफिस ने तैयार किया है। यह वही कंपनी है जिसने 'हाउस ऑन मार्स' और 'क्लाउड सिटी' का कॉन्सेप्ट भी तैयार किया था। मतलब इस कंपनी को ऐसे अजीबो-गरीब आइडियाज में महारत हासिल है।

    कंपनी का कहना है कि आसमान से धरती की तरफ बनने वाला यह टावर स्काईस्क्रेपर्स का पूरा कॉन्सेप्ट ही बदलकर रख देगा। कंपनी के प्रपोजल के मुताबिक इसे दुबई में बनाने का सुझाव दिया गया है क्योंकि अमेरिका की तुलना में यहां इसे बनाने में काफी कम खर्च आएगा।ऐनलेमा टावर विभिन्न सेक्शंस में तैयार किया जाएगा। धरती के सबसे नजदीक जो हिस्सा होगा, वह एंटरटेनमेंट, शॉपिंग और डाइनिंग के लिए होगा। इसके ऊपर ऑफिस स्पेस होगा। बीच का हिस्सा बाग-बगीचों और घरों के लिए रखा जाएगा। इस टावर में पूजा के लिए भी स्पेस होगा और सबसे ऊपर होगा फ्यूनरेरी सेक्शन।

    अंजली – विज्ञान तरक्की करने लगे तो सबकुछ संभव है, लेकिन ये concept है बड़ा मज़ेदार, अब ये देखना दिलचस्प होगा कि ये इमारत कब बनकर तैयार होती है, और इसमें मैं कब इस इमारत में फिल्में देखने और शॉपिंग करने जाऊंगी, अब मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है हरिपुरा झज्जर, हरियाणा से प्रदीप वधवा, आशा वधवा, गीतेश वधवा, मोक्ष वधवा और निखिल वधवा ने आप सभी ने सुनना चाहा है ये रात फिर ना आएगी (1966) फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले ने गीतकार हैं एस एच बिहारी और संगीत दिया है ओ पी नैय्यर ने गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 5. यही वो जगह है यही वो फ़िजाएं ....

    पंकज - इस टावर की बिजली सप्लाई स्पेस बेस्ड सोलर पैनल्स से की जाएगी और पानी लिया जाएगा बारिश और बादलों से। यह स्काईस्क्रैपर इतना बड़ा होगा कि इसके निचले हिस्से की तुलना में ऊपरी हिस्से में दिन 45 मिनट लंबा होगा।

    बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से में रहने वालों के लिए बाहर के नजारे भले ही अद्भुत होंगे लेकिन बिना प्रोटेक्टिव सूट के वे बाहर नहीं निकल पाएंगे। क्योंकि 32,000 मीटर की ऊंचाई पर लगभग वैक्यूम जैसी परिस्थिति होगी और तापमान भी -40 डिग्री होगा।

    कंपनी का मानना है कि निकट भविष्य में एक धूमकेतु पर कंट्रोल स्थापित करके उसकी दिशा बदलना संभव हो सकेगा। उनके इस विश्वास के पीछे यूरोपियन स्पेस एजेंसी के रॉजेटा मिशन का बड़ा हाथ है। इस मिशन में यह सामने आया था कि एक घूमते हुए धूमकेतु पर लैंड करना संभव है। वहीं, नासा भी एक ऐस्टरॉइड को कैप्चर करके इसे चांद के एक स्टेबल ऑर्बिट में रिलोकेट करने के मिशन की योजना बना रहा है।

    अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं पूज्य महात्मा गांधी रेडियो श्रोता संघ ग्राम पिपरही, ज़िला शिवहर, बिहार से मुकुंद तिवारी और इनके सभी परिजन, आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म हिम्मतवाला (1983) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं इंदेवर, संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 6. ताकी ओ ताकी .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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