Web  hindi.cri.cn
    आप की पसंद 170624
    2017-06-26 09:23:04 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है दौलतबाग, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से जाफ़र हुसैन, नईमा बेगम, कासिम अली, नदीम अली, जुनैद अब्बासी और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है ससुराल (1961) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफी ने गीतकार हैं हसरत जयपुरी और संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. तेरी प्यारी प्यारी सूरत को .....

    पंकज - 131 साल पहले खो चुके दुनिया के 8वें अजूबे को शोधकर्ताओं ने फिर से खोज निकाला

    वेलिंगटन

    आपने कई बार सुना होगा कि दुनिया में 7 अजूबे हैं। इनमें से एक अजूबा ताज महल की शक्ल में खुद भारत के पास है। 7 अजूबों के बारे में तो अमूमन सबको ही पता है, लेकिन इस दुनिया में एक 8वां अजूबा भी है। कई सालों की कोशिश के बाद आखिरकार शोधकर्ताओं ने दुनिया के 8वें आश्चर्य का ठिकाना मालूम करने में कामयाबी हासिल कर ली है। यह जगह बहुत पहले खो गई थी। अब शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि इस लापता हो चुके 8वें आश्चर्य को वे बहुत जल्द दुनिया के सामने ले आएंगे। न्यू जीलैंड के उत्तरी द्वीप पर स्थित रोटोमेहाना झील की गुलाबी और सफेद सीढ़ियां 19वीं सदी में पर्यटकों के बीच बड़ा आकर्षण थीं। लोग दूर-दूर से उन्हें यहां देखने आया करते थे।

    अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं चंदा चौक अंधराठाढ़ी, ज़िला मधुबनी बिहार से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन और इनके परिजन इनके साथ ही मेन रोड मधेपुर, ज़िला मधुबनी से ही प्रमोद कुमार सुमन, रेनू सुमन और इनके ढेर सारे मित्र, आप सभी ने सुनना चाहा है छाया (1961) फिल्म का गीत जिसे गाया है तलत महमूद और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं राजेन्द्र कृष्ण संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. इतना न मुझसे तू प्यार जता .....

    पंकज - ये सीढ़ीनुमा आकृतियां प्राकृतिक थीं। माना जाता था कि ये सीढ़ियां धरती पर सिलिका (एक किस्म का पत्थर) और धातु की तलछट (सिंटर) का सबसे बड़ा भंडार हैं। 1886 में यहां एक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ। लोगों को लगा कि ये सीढ़ियां इसी विस्फोट में बर्बाद हो गईं। उसके बाद ये सीढ़ियां किसी को नहीं दिखीं। किसी भी सरकारी सर्वे में इसे दर्ज नहीं किया गया। यह भी पता नहीं था कि ये सीढ़ियां किस अक्षांश या देशांतर रेखा पर स्थित हैं।

    अंजली – मित्रों कार्यक्रम में हमें अगला पत्र लिख भेजा है पूज्य महात्मा गांधी रेडियो श्रोता संघ पिपरही जिला शिवहर, बिहार से अध्यक्ष मुकुंद तिवारी और इनके सभी परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है दीवार (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. कह दूं तुम्हें या चुप रहूं ....

    पंकज - साल 2010 में इस मामले में एक दिलचस्प मोड़ आया। स्विट्जरलैंड के एक संग्रह में एक भूविज्ञानी की कई ऐसी डायरियां मिलीं, जो बहुत पहले खो गई थीं। इस डायरी की मदद से शोधकर्ताओं को रोटेमेहाना झील की विश्व-विख्यात सीढ़ियों के ठिकाने का अनुमान लगाने में सहायता मिली। इन सीढ़ियों को तलाश करने की मुहिम में जुटे एक शोधकर्ता रेक्स बन ने 'संडे स्टार टाइम्स' को बताया, 'हमने पिछले 12 महीनों में करीब 2,500 घंटे का शोध किया है। हमें यकीन है कि हमने इन सीढ़ियों की जगह का पता लगा लिया है। हमें भरोसा है कि पिछले 130 सालों से इन सीढ़ियों की खोज में जुटे किसी भी अन्य इंसान के मुकाबले हम इसे खोज निकालने के सबसे ज्यादा करीब हैं।'जिस डायरी की मदद से यह संभव हो पाया है, वह डायरी डॉक्टर सासचा नोल्डेन को स्विट्जरलैंड के बाल शहर में मिली थी।

    अंजली – मित्रों कार्यक्रम में हमारे अगले श्रोता बहुत पुराने श्रोता हैं और हमें नियमित रूप से पत्र लिखते रहते हैं, आप हैं हरिपुरा झज्जर, हरियाणा से प्रदीप वधवा, आशा वधवा, गीतेश वधवा, मोक्ष वधवा, निखिल वधवा, यश वधवा और पूरा वधवा परिवार, आप सभी ने सुनना चाहा है महबूबा (1976) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. मेरे नयना सावन भादो .....

    पंकज - यह डायरी जाने-माने भूविज्ञानी डॉक्टर फरडिनेंड वोन हॉसटरर की थी। न्यू जीलैंड सरकार ने 1859 में डॉक्टर हॉस्टरर को अपने द्वीपों का सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने रोटेमेहाना झील की इन सीढ़ियों को भी रेकॉर्ड किया। हालांकि 2,000 एकड़ इलाके में फैली इस झील का आधिकारिक तौर पर कभी सर्वे नहीं हुआ और फिर 27 साल बाद इसी जगह के पास स्थित माउंट टराउरा ज्वालामुखी में विस्फोट होने के बाद इस पूरे इलाके का नक्शा बिल्कुल बदल गया। डॉक्टर हॉसटरर की डायरी मिलने के बाद शोधकर्ताओं ने कई भूवैज्ञानिक तरीकों के इस्तेमाल से डायरी में दी गई जानकारियों की गणना की। शोधकर्ताओं का मानना है कि ज्वालामुखी विस्फोट के कारण रोटेमेहाना झील की सीढ़ियां राख से ढक गईं और ये सीढ़ियां झील के नजदीक की जमीन में सतह से करीब 10 मीटर की गहराई में स्थित हैं।

    अंजली – हमारे अगले श्रोता हैं दरवेश बाग, पत्तन, बारामूला जम्मू कश्मीर से तौसीफ़ शोकी, छोटी, गुड्डी, सजा बानो, मोहम्मद अकबर और इनके ढेर सारे मित्र आप सभी ने सुनना चाहा है यश (1996) फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू और अलिशा चिनाए ने संगीत दिया है तबून सूत्रधार ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. ये क्या हुआ ....

    पंकज - आमतौर पर यह माना जाता रहा है कि ज्वालामुखी विस्फोट के कारण दुनिया का 8वां अजूबा मानी जाने वाली ये सीढ़ियां नष्ट हो गईं। लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि ये सीढ़ियां अब भी सही-सलामत हैं। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि इन्हें फिर से खोज निकाला जा सकता है। बन ने कहा, 'पहले की तरह पूरे का पूरा तो शायद नहीं, लेकिन वे गुलाबी और सफेद सीढ़ियां एक हद तक फिर से लौटाई जा सकती हैं। जिस तरह 19वीं सदी में ये सीढ़ियां यहां आने वाले लोगों को हैरान करती थीं, वैसा दोबारा मुमकिन हो सकता है।' शोधकर्ताओं ने बताया कि स्थानीय जनजाति भी इन सीढ़ियों को दोबारा खोज निकालने के प्रयास में साथ दे रही है। शोधकर्ता जल्द ही यहां की खुदाई शुरू करने जा रहे हैं।

    अंजली – दोस्तों हमारे कार्यक्रम में अगला पत्र लिखा है मल्थोने, सागर जिला, मध्यप्रदेश से धर्मेन्द्र सिंह और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है कॉल गर्ल (1974) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं नक्श लायलपुरी और संगीत दिया है सपन जगमोहन ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. उल्फ़त में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040