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    टी टाइम 170713
    2017-07-22 13:20:23 cri

    अनिलः लीजिए दोस्तो, प्रोग्राम शुरू करते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओरेकल की सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (को-सीईओ) सैफरा कैट्ज ने आने वाले दिनों में भारत में कंपनी की संभावित योजनाओं को खुलासा करते हुए कहा है कि भारत के लिए ओरेकल ने बड़ी योजना बना रखी है। दुनिया में सबसे अधिक वेतन पानी वाली महिला कार्यकारी साफरा कैट्ज को ओरेकल के संस्थापक और सीईओ लैरी एलिसन द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने के बाद प्रमोशन कर कंपनी का को-सीईओ बनाया गया था।

    साफरा कैट्ज का कुल सालाना वेतन 345.8 करोड़ रुपए है और कुल संपत्ति 3158 करोड़ रुपए है। साफरा ने खुलासा किया है कि ओरेकल ने भारत के लिए बड़ा प्लान बना रखा है।

    साफरा का जन्म यहूदी परिवार में इजऱाइल के होलोन में हुआ था। वह छह साल की उम्र में इजरायल से ब्रुकलिन, मैसाचुसेट्स चली गईं थीं। उन्होंने ब्रुकलिन हाईस्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कैटज़ ने गल तिरोष से विवाह किया था और उनके दो बेटे, स्कॉट और गैरी हैं।

    ओरेकल की सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (को सीईओ) बनने से पहले साफरा ने कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में भी काम किया। कैटज ने पहली बार ओरेकल के मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में 2005 से 2008 तक कार्य किया।

    कैट्ज ने वर्ष 1999 में कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू किया था। लेकिन महज सात महीने के भीतर उन्हें कार्यकारी उपाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने एचएसबीसी होल्डिंग्स के लिए निदेशक मंडल में तब काम किया जब वह 2008 से 2015 तक विश्व की सबसे बड़ी बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के संगठन रूप में थी।

    नीलमः अब रूबरू करते हैं अगली जानकारी से। बेड पर मोटे और स्पंजी गद्दों पर सोना किसे अच्छा नहीं लगता है। अधिकतर लोग मोटे और स्पंजी गद्दों पर ही सोना पसंद भी करते हैं। लेकिन क्या आपकों पता है बेड पर इन आरामदायक गद्दों पर सोने से हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव भी पड़ता है। इसलिए जमीन पर सोना बेड पर सोने से कहीं ज्यादा फायदेमंद है। जमीन पर सोने के इन फायदों को जानकर आप ना तो बेड पर सोना पसंद करेंगे और ना ही मोटे गद्दे पर..

    मोटे गद्दे पर या बेड पर सोने से बॉडी पोश्चर बिगड़ सकता है, लेकिन जमीन पर एक दरी या चादर बिछाकर सोने से बॉडी पोश्चर एकदम सही रहता है। इससे मसल्स पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है और हड्डियां भी नेचुरल पोजीशन में रहती हैं।

    हड्डियों की संरचना में आता है सुधार

    जमीन पर सोने से हड्डियों की संरचना में सुधार होता है। अगर हड्डियों या जोड़ों में कोई इंजरी है तो उसे रिकवर करने के लिए जमीन पर सोना सबसे फायदेमंद होता है। इससे टेढ़ी-मेढ़ी हड्डियां पूरी तरह से नेचुरल पोजीशन में आ जाती है, हालांकि यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है लेकिन लॉन्ग टर्म में ये बहुत फायदेमंद है।

    रीढ़ की हड्डी शरीर का सबसे अहम हिस्सा है जो शरीर के पूरे नर्वस सिस्टम को कंट्रोल करता है और इसका सीधा संपर्क मस्तिष्क से होता है। जमीन पर सोने से स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी रहती है और उसपर दवाब भी बहुत कम पड़ता है। ऐसा करने से स्पाइन से जुड़ी कोई समस्या भी नहीं होती है।

    पीठ दर्द की समस्या से मिलती है राहत

    अनिलः गलत ढंग से सोने या मोटे गद्दे पर सोने से अधिकतर लोगों में पीठ दर्द की समस्या होने लगती है। ऐसे में जमीन पर सोने से पीठ दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकता है। जमीन पर सोने से रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रहती है जिससे शरीर में रक्त संचार सही तरीके से होता है और धीरे-धीरे पीठ दर्द निजात मिल जाती है।

    हिप्स और कंधों के लिए फायदेमंद

    जमीन पर सोने से हिप्स और कंधों का एलाइनमेंट बेहतर होता है और शरीर के कई तरह के दर्दों से छुटकारा मिलता है।

    अब खानपान संबंधी जानकारी। शोध तो यह भी कहता है कि मीठा व्यंजन न सिर्फ प्रौढ़ावस्था आने की गति को धीमा करता है, बल्कि यह सुचारु रक्त संचार को सुनिश्चित करता है और आपको खुशमिजाज रखने में मदद करता है।लेकिन आपको बता दें चॉकलेट का ज्यादा इस्तेमाल आपके लिए कई और बीमारियों को दावत दे सकता है। इसलिए चॉकलेट का सेवन शुरू करने से पहले आप अपनी मौजूदा हेल्थ का ध्यान में जरूर रखें।

    चॉकलेट लगभग हर उम्र के व्यक्ति की पसंदिता होती है। कुछ लोग मानते हैं कि चॉकलेट खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं हैं। कुछ लोग अपने बढ़ते वजन के कारण भी चॉक्लेट नहीं खाते लेकिन रिसर्च कुछ और ही कहती हैं। रिसर्च के मुताबिक, रोजाना चॉकलेट खाने से आपकी सेहत अच्छी हो सकती है।

    जी हां, हाल ही में आई एक रिसर्च भी कुछ इसी ओर इशारा करती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, चॉकलेट गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है लेकिन ये फायदा उन्हीं लोगों को होगा जो रोजाना 200 से 600 मिलीग्राम के बीच डार्क चॉकलेट खाते हैं। दरअसल, ये फायदा भी इस पर निर्भर करता है कि कोकोआ कितनी मात्रा में लिया गया है। प्लेन चॉकलेट, व्हाइट और अन्य मिल्क चॉकलेट से ज्यादा बेहतर होती है।

    नीलमः वैज्ञानिकों ने 1139 लोगों को चॉकलेट के 119 फ्लेवर खिलाकर उनकी कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ की जांच की। लेखक जिन्होंने रैंडमाइज कंट्रोल्ड ट्रायल्स (RCTs) करवाएं का दावा है कि इस तरह के कुछ और अर्जेंट ट्रायल्स करवाने चाहिए जिससे ये जाना जा सके कि चॉकलेट खाने के शॉर्ट-टर्म बेनिफिट्स क्या हैं।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि चॉकलेट खाने से ना सिर्फ हार्ट डिजीज से बच सकते हैं बल्कि डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल भी कम किया जा सकता है। विभिन्न ब्रांडों द्वारा कराए गए शोध में यह बात सामने आई है कि चॉकलेट आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। कोकोआ: चॉकलेट में कोकोआ होता है, जिसमें 'फ्लावानॉल' नामक एंटीऑक्सिडेंट होता है, जो रक्त संचार को सुचारु करने में सहायक है। चॉकलेट में जितनी ज्यादा मात्रा में कोकोआ होगा, आपकी सेहत के लिए वह उतना ही फायदेमंद होगा।

    ब्रेन पावर: वैज्ञानिकों के मुताबिक, आप जितनी ज्यादा मात्रा में फ्लावानॉल से भरपूर कोकोआ का सेवन करेंगे आपकी मानसिक क्षमता में उतनी ही वृद्धि होगी। बुढ़ापे की गति धीमी: त्वचा की सिकुड़न से लड़ने वाले प्रोटीन कोकोआ से भरपूर चॉकलेट में भी पाए जाते हैं। खुश बनाए: वैज्ञानिक पत्रिका न्यूट्रीशनल न्यूरोसाइंस के मुताबिक, चॉकलेट आपका मूड बेहतर रखता है और अवसाद के लक्षणों को कम करता है। कोलेस्ट्रॉल में कमी: उच्च कोकोआ युक्त चॉकलेट खाने से न केवल कोलेस्ट्रॉल कम होता है, बल्कि यह रक्तचाप को भी कम करने में सहायक है। वजन घटाए: अध्ययन में यह बात सामने आई है कि एक चॉकलेट खाने से वजन बढ़ाने वाले भोजन की इच्छा में कमी होती है, जिससे आपका वजन नियंत्रित रहता है।

    वैज्ञानिकों ने 1139 लोगों को चॉकलेट के 119 फ्लेवर खिलाकर उनकी कार्डियो मेटाबॉलिक हेल्थ की जांच की। लेखक जिन्होंने रैंडमाइज कंट्रोल्ड ट्रायल्स (RCTs) करवाएं का दावा है कि इस तरह के कुछ और अर्जेंट ट्रायल्स करवाने चाहिए जिससे ये जाना जा सके कि चॉकलेट खाने के शॉर्ट-टर्म बेनिफिट्स क्या हैं।

    शोधकर्ताओं ने पाया कि चॉकलेट खाने से ना सिर्फ हार्ट डिजीज से बच सकते हैं बल्कि डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर और इंसुलिन लेवल भी कम किया जा सकता है। विभिन्न ब्रांडों द्वारा कराए गए शोध में यह बात सामने आई है कि चॉकलेट आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। कोकोआ: चॉकलेट में कोकोआ होता है, जिसमें 'फ्लावानॉल' नामक एंटीऑक्सिडेंट होता है, जो रक्त संचार को सुचारु करने में सहायक है। चॉकलेट में जितनी ज्यादा मात्रा में कोकोआ होगा, आपकी सेहत के लिए वह उतना ही फायदेमंद होगा।

    अनिलः वैज्ञानिकों के मुताबिक, आप जितनी ज्यादा मात्रा में फ्लावानॉल से भरपूर कोकोआ का सेवन करेंगे आपकी मानसिक क्षमता में उतनी ही वृद्धि होगी। बुढ़ापे की गति धीमी: त्वचा की सिकुड़न से लड़ने वाले प्रोटीन कोकोआ से भरपूर चॉकलेट में भी पाए जाते हैं। खुश बनाए: वैज्ञानिक पत्रिका न्यूट्रीशनल न्यूरोसाइंस के मुताबिक, चॉकलेट आपका मूड बेहतर रखता है और अवसाद के लक्षणों को कम करता है। कोलेस्ट्रॉल में कमी: उच्च कोकोआ युक्त चॉकलेट खाने से न केवल कोलेस्ट्रॉल कम होता है, बल्कि यह रक्तचाप को भी कम करने में सहायक है। वजन घटाए: अध्ययन में यह बात सामने आई है कि एक चॉकलेट खाने से वजन बढ़ाने वाले भोजन की इच्छा में कमी होती है, जिससे आपका वजन नियंत्रित रहता है।

    आज के प्रोग्राम में हम आपको प्रोग्रामर्स के बारे में बताएंगे। जी हां करियर से जुड़ी बातें.

    अपने आइडिया को अपनी आंखों के सामने कारगर होते हुए देखना प्रोग्र्रांमग की दुनिया की सबसे खास बात है। जेपी मॉर्गन में बतौर एनालिस्ट काम कर रहीं नेहा चौधरी का ऐसा ही मानना है। प्रोग्र्रांमग की दुनिया में कदम रखना है तो इससे अच्छा कोई समय नहीं हो सकता।

    बढ़ेंगे अवसर

    ईवान्स डाटा प्रोजेक्ट की रिपोर्ट की मानें तो साल 2018 में भारतीय डेवलपर्स की संख्या में लगभग 90 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। इनकी संख्या 52 लाख पहुंच जाएगी। अभी यह संख्या 36 लाख है।

    तय करें कोडर बनना है या प्रोग्रामर

    नैसकॉम की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर सॉफ्टवेयर पेशेवर सिर्फ कोडर हैं, प्रोग्रामर नहीं। प्रोग्रामर्स अपनी रचनात्मक बुद्धि से विशाल सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स को डिजाइन और डेवलप करते हैं, वहीं कोडर्स केवल निर्देशों का पालन करते हुए एक बड़े प्रोग्राम के छोटे कोम्पोनेंट्स को टेस्ट करना, लिखना और उनके मूल्यांकन का काम करते हैं।

    नीलमः नेहा के मुताबिक बीटेक के बाद आईटी सेक्टर में प्रवेश के लिए फ्रेशर के पास कुछ ही विकल्प होते हैं, जैसे र्टेंस्टग, बिजनेस एनालिस्ट, डेवलपमेंट, डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेशन आदि। कभी अपनी पसंद के क्षेत्र में काम करने का मौका मिलता है और कई दफा बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियां जैसे एसेंचर, कॉलेज से ही फ्रेशर्स को चुनकर ले जाती हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से उनके लिए डोमेन तय करती हैं और जरूरी प्रशिक्षण देती हैं।

    उभर रहे हैं नए क्षेत्र

    तेजी से विकसित हो रहे बाजार में तकनीकें भी तेजी से बदल रही हैं। फिलहाल रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) का प्रयोग सभी कंपनियां कर रही हैं। आरपीए इस समय के सबसे प्रमुख स्किल्स में से एक है।

    नए तकनीकी कौशल दिलाएंगे दोगुनी सैलरी

    आर, जूलिया, हैडूप, स्क्रम मास्टर, डेवॉप्स जैसे टम्र्स आपको सुनने में अजीब लग सकते हैं, लेकिन कंपनियां अभी इन्हीं स्किल्स की मांग कर रही हैंर्। ंसपलीलर्न के आंकड़ों की मानें तो लोकप्रिय प्रोग्र्रांमग भाषा आर सीखने वाले युवा शुरुआती स्तर पर ही औसतन आठ लाख रुपये सालाना सैलरी पाते हैं। फ्रेशर को किसी आईटी कंपनी में औसतन 3.5 लाख रुपये सालाना सैलरी मिलती है। मोबाइल एप डेवलपर या हैडूप डेवलपर (हैडूप एक प्रोग्र्रांमग फ्रेमवर्क है) को भी लगभग यही सैलरी मिलती है। जावा जानने वाले युवाओं की तुलना में इन्हें 25 प्रतिशत तक अधिक सैलरी मिलती है। आईओएस डेवलपर को एंड्रॉयड डेवलपर के मुकाबले कहीं ज्यादा तनख्वाह मिलती है, क्योंकि यह स्किल अभी भी कम लोगों के पास है। डाटाबेस प्रोग्र्रांमग की समझ रखने वाले सुपरकोडर्स की मांग फिलहाल बाजार में बहुत ज्यादा है।

    वर्ष 2017 में मांग में रहने वाली कुछ प्रोग्रामिंग भाषाओं की सूची शामिल है। पीएचपी, रूबी ऑन रेल्स, सी, स्विफ्ट, एचटीएमएल, सीएसएस जावास्क्रिप्ट, जावा, पायथन, एलिक्जिर, रस्ट, गो, टाइपस्क्रिप्ट आदि प्रोग्रामिंग भाषाएं भी इस साल बाजार में मांग में रहेंगी।

    प्रमुख नियोक्ता: भारत और पूरे विश्व के प्रमुख नियोक्ताओं में टीसीएस, आईबीएम, विप्रो, इंफोसिस, एचसीएल, एडॉब, ओरेकल, माइक्रोसॉफ्ट, सीएससी, स्टेरिया, एसेंचर आदि शामिल हैं।

    अनिलः खेल ख़बरें

    भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफलतम कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी शुक्रवार 7 जुलाई को 36 साल के हो गए । धोनी का जन्‍म 7 जुलाई, 1981 को तत्‍कालीन बिहार (मौजूदा झारखंड) के रांची में हुआ था।

    धोनी काफी लम्बे समय तक टेस्ट, वनडे और टी-20 टीम के कप्तान रहे। हालांकि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इं‍डिया को टी 20 वर्ल्‍ड कप (2007), वनडे वर्ल्‍ड कप (2011), आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (2013) में जीत दिलाई। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम 2009 में नंबर वन टेस्ट टीम भी बन चुकी है।

    धोनी हमेशा 7 नंबर की जर्सी पहनते हैं। उनका जन्म साल के सातवें महीने की सातवीं तारीख को पड़ता है। इसके अलावा धोनी पहले लंबे बाल रखने का टोटका अपनाते थे। वे कभी अपनी कंधों तक झूलती जुल्फों के लिए जाने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्होंने अपनी जुल्फों से किनारा कर अपने बाल छोटे कर लिए थे।

    एक बार धोनी ने मजाकिया लहजे में कहा था, "यदि लंबे बाल रखने से मैं अधिक रन बना सकता हूं, तो मुझे शायद हमेशा लंबे बाल ही रखने चाहिए।"

    मैदान पर धोनी की ये सारी उपलब्धियां हर कोई जानता है, लेकिन हम आपको बता रहे हैं मैदान के बाहर धोनी की जिंदगी से जुड़ी खास बातें:

    धोनी बाइक और कार के दीवाने हैं। उनके पास दर्जनों अलग-अलग बाइक्स और लग्जरी गाड़ियां हैं। हमर एच-2 उनकी पसंदीदा सवारी है, जिसे धोनी ने 2009 में खरीदा था।

    उनके पास 23 बाइक्स है, जिसमें हार्ले डेविडसन से लेकर रॉयल इनफील्ड तक शामिल हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने से पहले वे भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्टर भी रह चुके हैं।

    क्रिकेट के अलावा धोनी फुटबॉल और बैडमिंटन में भी हाथ आजमा चुके हैं। विकेटकीपर बनने से पहले धोनी अपने स्कूली फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे।

    दोस्तो, इसी के साथ आज के प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।

    अब समय हो गया है श्रोताओं की टिप्पणी का।

    पहला पत्र हमें भेजा है...

    ...

    टिप्पणी यहीं तक।

    आप सभी का एक बार फिर शुक्रिया।

    अब पेश हैं जोक्स यानी हंसगुल्ले...

    पहला जोक

    इंजीनियर: सर हमने ऐसी चीज बनाई है जिससे आप दीवार के आर पार देख सकते हैं।

    प्रोफेसर: वाह, ऐसी क्या चीज बनाई है?

    इंजीनियर: छेद।

    इंजीनियर: सर हमने ऐसी चीज बनाई है जिससे आप दीवार के आर पार देख सकते हैं। प्रोफेसर: वाह, ऐसी क्या चीज बनाई है? इंजीनियर: छेद।

    दूसरा जोक

    पत्नी: आलू का पराठा बना दूं आज आपको?

    पति: नहीं, मैं इंसान ही ठीक हूं।

    पत्नी: आलू का पराठा बना दूं आज आपको? पति: नहीं, मैं इंसान ही ठीक हूं।

    तीसरा और अंतिम जोक..

    दो महारथी स्टूडेंट्स एग्जामिनेशन हॉल से बाहर आकर...

    पहला: तुझे पता था ये कौन सा पेपर था?

    दूसरा: हां, गणित का था.

    पहला: इसका मतलब तूने तो काफी कुछ कर लिया होगा.

    दूसरा: अरे नहीं यार, साथ वाली लड़की के पास कैल्कुलेटर था.

    दो महारथी स्टूडेंट्स एग्जामिनेशन हॉल से बाहर आकर... पहला: तुझे पता था ये कौन सा पेपर था? दूसरा: हां, गणित का था. पहला: इसका मतलब तूने तो काफी कुछ कर लिया होगा. दूसरा: अरे नहीं यार, साथ वाली लड़की के पास कैल्कुलेटर था.

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